पहली बार दो सहपाठी एक साथ भारतीय सेना प्रमुख के पद पर
नई दिल्ली, थल सेना के नए अध्यक्ष, लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी को 30 जून से यह जिम्मेदारी दी गई है। इससे पहले यह जिम्मेदारी मनोज पांडे के पास थी। उपेन्द्र द्विवेदी के थल सेना अध्यक्ष बनने के साथ ही भारतीय सेना के इतिहास में पहली बार दो सहपाठी एकसाथ भारतीय सेना प्रमुख के पद पर पहुंचे हैं। दिनेश कुमार त्रिपाठी, जो उपेंद्र द्विवेदी के दोस्त और सहपाठी हैं पहले ही नौसेना के प्रमुख की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। दिनेश कुमार त्रिपाठी ने भी दो महीने पहले ही नौसेना की कमान संभाली है।
रीवा का सैनिक स्कूल देश का पहला स्कूल, जहां के दो पूर्व छात्र एक साथ नौसेना और थल सेना अध्यक्ष
लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी और एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी पांचवीं कक्षा से एक साथ पढ़े हैं। दोनों मध्य प्रदेश के रीवा में सैनिक स्कूल के छात्र रहे हैं। दोनों ने साथ पढ़ाई की सफलता हासिल की और लंबे समय तक देश सेवा करने के बाद अब यह अहम जिम्मेदारी निभा रहे हैं। रीवा का सैनिक स्कूल देश का पहला स्कूल बन गया है, जिसके दो पूर्व छात्र एक साथ नौसेना और थल सेना की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। 1970 के दशक में स्कूल की पढ़ाई करने वाले दोनों सैन्य प्रमुखों का रोल नंबर भी पास था। लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी का रोल नंबर 931 और एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी का रोल नंबर 938 था।
कौन हैं दिनेश कुमार त्रिपाठी?
वाइस एडमिरल त्रिपाठी का जन्म 15 मई 1964 को हुआ था और एक जुलाई 1985 में वह भारतीय नौसेना में शामिल हुए। संचार और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध विशेषज्ञ वाइस एडमिरल त्रिपाठी का करीब 30 वर्ष का लंबा करियर रहा है। नौसेना के उप प्रमुख का पद संभालने से पहले वह पश्चिमी नौसैन्य कमान के फ्लैट ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ थे। सैनिक स्कूल और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी खडकवासला के पूर्व छात्र वाइस एडमिरल त्रिपाठी ने गोवा के नेवल वॉर कॉलेज और अमेरिका के नेवल वॉर कॉलेज में भी कोर्स किया है।एडमिरल त्रिपाठी आईएनएस विनाश की भी कमान संभाल चुके हैं। रियर एडमिरल के तौर पर वह ईस्टर्न फ्लीट के फ्लैट ऑफिसर कमांडिंग भी रह चुके हैं। वह भारतीय नौसेना अकादमी, एझिमाला के कमांडेंट भी रह चुके हैं। उन्हें नौसेना मेडल और अति विशिष्ट सेवा मेडल से भी सम्मानित किया जा चुका है।
कौन हैं उपेन्द्र द्विवेदी?
उपेंद्र द्विवेदी का जन्म 1 जुलाई, 1964 को हुआ था। उनकी नियुक्ति 15 दिसंबर, 1984 को भारतीय सेना की इन्फैंट्री (जम्मू और कश्मीर राइफल्स) में की गई थी। उन्होंने करीब 40 साल तक विभिन्न कमान, स्टाफ, अनुदेशात्मक और विदेश में नियुक्तियों में कार्य किया है। उपेन्द्र द्विवेदी ने रेजिमेंट (18 जम्मू और कश्मीर राइफल्स), ब्रिगेड (26 सेक्टर असम राइफल्स), DIG असम राइफल्स (पूर्वी) और 9 कॉर्प्स में सेवाएं दी हैं। उपेंद्र द्विवेदी ने सेना का उप प्रमुख बनने से पहले 2022-2024 तक महानिदेशक इन्फेंट्री और जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ (मुख्यालय उत्तरी कमान) सहित महत्वपूर्ण पदों पर सेवा दी है।
थल सेना प्रमुख बनने से पहले वह PVSM, AVSM भारतीय थल सेना के उपप्रमुख थे। उन्हें परम विशिष्ट सेवा पदक (पीवीएसएम), अति विशिष्ट सेवा पदक (एवीएसएम) और तीन जीओसी-इन-सी प्रशस्ति कार्ड से सम्मानित किया जा चुका है। वह सैनिक स्कूल रीवा, नेशनल डिफेंस कॉलेज और यूएस आर्मी वॉर कॉलेज के पूर्व छात्र रहे हैं। उन्होंने डीएसएससी वेलिंगटन और आर्मी वॉर कॉलेज, महू में भी पढ़ाई की है। उपेंद्र द्विवेदी के पास रक्षा और मैनेजमेंट में एम फिल व सामरिक अध्ययन और सैन्य विज्ञान में दो मास्टर डिग्री हैं।