बिजनेस कॉन्क्लेव में बोले विदेश मंत्री, नॉर्डिक-बाल्टिक के आठ देशों से बढ़ रहा भारत का जुड़ाव
नई दिल्ली, भारत अपनी विदेश नीति पर क्या सोचता है इसका साफ संकेत विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने सीआईआई की तरफ से आयोजित बिजनेस कॉन्क्लेव में दिया। उन्होंने भारत और आठ नॉर्डिक बाल्टिक देशों के सम्मेलन में कहा कि भारत पिछले दो-तीन साल में इन देशों में कई दूतावास और वाणिज्य दूतावास की शुरुआत कर चुका है।
हमने दिसंबर, 2021 में टालिन में अपना दूतावास खोला है
दूसरे सीआईआई इंडिया नॉर्डिक बाल्टिक बिजनेस कॉन्क्लेव में विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा, नॉर्डिक-बाल्टिक आठ (एनबी8) देशों के साथ हमारा जुड़ाव पिछले कुछ वर्षों में स्पष्ट रूप से बढ़ा है। हमने दिसंबर, 2021 में टालिन में अपना दूतावास खोला है।
लिथुआनिया की राजधानी विनियस में भी दूतावास की शुरुआत की
विदेश मंत्री ने बताया कि विदेश मंत्रालय ने इसी साल मार्च में पूर्वी यूरोपीय देश लिथुआनिया की राजधानी विनियस में भी दूतावास की शुरुआत की है। डॉ जयशंकर ने कहा, बहुत जल्द लातविया में एक निवासी भारतीय दूतावास खोला जाएगा। विदेश से भारत आने में भी दिलचस्पी बढऩे का संकेत देते हुए विदेश मंत्री ने कहा, फिनलैंड ने मुंबई में एक वाणिज्य दूतावास की शुरुआत की है।
एनबी8 देशों के साथ रूपरेखा पर मंथन
उन्होंने कहा कि भारत और फिनलैंड के अलावा उत्तरी यूरोपीय देश- डेनमार्क जाने के लिए भी भारत से सीधी विमान सेवा शुरू हो चुकी है। यह दिखाता है कि भारत का नॉर्डिक बाल्टिक देशों के बीच संपर्क और गतिशीलता है। विदेश मंत्री ने कहा कि घनिष्ठ व्यवसायिक सहयोग के लिए भी एनबी8 देशों के साथ रूपरेखा पर मंथन किया जा रहा है।
स्थिरता साझेदारी, डिजिटलीकरण और शिक्षा संवाद स्थापित किया
उन्होंने कहा कि उत्तरी यूरोपीय देश फिनलैंड के साथ भारत ने स्थिरता साझेदारी, डिजिटलीकरण और शिक्षा संवाद स्थापित किया है। डेनमार्क के साथ भारत की हरित रणनीतिक साझेदारी है। इसके अलावा दोनों देश मिलकर जल समाधान, पवन ऊर्जा, हरित हाइड्रोजन और कृषि में सहयोग को मजबूत और सुविधाजनक बना रहे हैं। विदेश मंत्री ने कहा कि भारत उत्तरी अटलांटिक द्वीप समूह- फरो आइलैंड्स और उत्तरी अमेरिकी क्षेत्र- ग्रीनलैंड के साथ मजबूत सहयोग की आशा रखता है।
विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने कहा, स्वीडन के साथ, उद्योग परिवर्तन पहल के लिए भारत के नेतृत्व में 18 देश और 19 प्रमुख वैश्विक कंपनियां शामिल हुई हैं। पिछले कुछ समय में इसका फल भी मिला है। उन्होंने बताया कि 260 से अधिक स्वीडिश कंपनियां भारत में नवाचार, निर्माण, रक्षा और स्वच्छ प्रौद्योगिकी में काम कर रही हैं।
डॉ जयशंकर ने कहा कि भारत और आइसलैंड लद्दाख और हिमाचल प्रदेश में भू-तापीय ऊर्जा के दोहन पर मिलकर काम कर रहे हैं। पूर्वोत्तर भारत के लिए भी इसी तरह की परियोजनाओं की योजनाएं बनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि ठंडे और गर्म पानी में मत्स्य पालन में उत्कृष्ट योग्यता का लक्ष्य पाने के लिए केंद्र स्थापित करने के प्रयास जारी हैं।