मोती मस्जिद की गुम्बद से सोने का कलश चोरी, पूरा नहीं ले जा पाए चोर
भोपाल, राजधानी भोपाल की ऐतिाहसिक शाही मोती मस्जिद के गुंबद से कलश चोरी हो गए। बुधवार-गुरुवार की रात हुई वारदात में चोरी हुआ कलश करीब सात फीट बड़ा है। बताया जा रहा है कि कलश का वजन इतना ज्यादा है कि चोर इसको अपने साथ पूरा नहीं ले जा पाए। वे कलश का ऊपरी हिस्सा ही ले जा सके। पुलिस की प्रारंभिक जांच में सामने आया कि रात में चार चौकीदारों की ड्यूटी थी। लेकिन, वे सो गए थे। इस मामले की शिकायत पर एफआईआर दर्ज करने के बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार क्षेत्र के एक निवासी ने सुबह करीब दस बजे मस्जिद की गुम्बद से सोने का कलश गायब होने की सूचना दी।
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थाना तलैया में शिकायत दर्ज कराई
शाही औकाफ सचिव आजम तिरमिजी और आरिफ मसूद फैंस क्लब अध्यक्ष अब्दुल नफीस ने थाना तलैया पहुंचकर मामले की शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस ने मामले को लेकर जांच शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि कलश चोरी करने के लिए चोरों ने दीवारों के सहारे मस्जिद में पहुंचने का रास्ता अपनाया है। मस्जिद के अंदर मौजूद सीसीटीवी कैमरे में किसी चोर की छवि कैद नहीं हो पाई है। इसमें सिर्फ यहां तैनात सुरक्षाकर्मियों का मूवमेंट ही दिखाई दे रहा है।
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सात फीट बड़ा है कलश
करीब सात फीट बड़ा कलश इतना वजनी बताया जा रहा है कि चोर इसको अपने साथ पूरा नहीं ले जा पाए। वे कलश का ऊपरी हिस्सा ही अपने साथ ले जा सके हैं। शाही औकाफ सचिव आजम तिरमिजी ने बताया कि मस्जिद की गुंबद पर मौजूद कलश पूरी तरह सोने के नहीं है बल्कि तांबे से बने हुए कलश पर सोने की मोटी परत चढ़ी हुई है।
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क्राइम ब्रांच ने शुरू की जांच
क्राइम ब्रांच ने अपनी जांच शुरू करते हुए जांच शुरू कर दी है। इसके लिए वारदात स्थल पर मोती मस्जिद में डॉग स्क्वायड भी बुलाया गया है। मस्जिद के पिछले हिस्से में सीसीटीवी नहीं लगे है। ऐसे में संभावना है कि चोर पीछे से आकर कलश चोरी कर ले गए।
सीसीटीवी कैमरे में सिर्फ सुरक्षाकर्मियों का मूवमेंट
कलश चोरी करने के लिए चोर दीवार के सहारे मस्जिद में दाखिल हुए। हालांकि, मस्जिद में मौजूद सीसीटीवी कैमरों में चोर कैद नहीं हुए हैं। कैमरे में सिर्फ सुरक्षाकर्मियों का मूवमेंट ही नजर आ रहा है। वहीं, मस्जिद से कलश चोरी होने की खबर फैलते ही शहरवासियों का यहां आने का सिलसिला शुरू हो गया है। काजी सैयद अनस अली नदवी, काजी अजमत शाह मक्की, जमीयत उलेमा हिंद के हाजी इमरान हारून, पूर्व पार्षद रईसा मलिक समेत कई लोग यहां पहुंचे।
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डेढ़ सौ से ज्यादा साल पुरानी है मोती मस्जिद
जानकारी के अनुसार शाही मोती मस्जिद डेढ़ सौ से ज्यादा साल पुरानी बताई जाती है। मस्जिद का निर्माण कदसिया बेगम की बेटी सिकंदर जहां बेगम ने 1868 में कराया था।