ISRO EOS-03: इसरो की सैटेलाइट लॉन्चिंग नहीं हुई पूरी, क्रायोजेनिक स्टेज में तकनीकी गड़बड़ी

ISRO EOS-03: इसरो की सैटेलाइट लॉन्चिंग नहीं हुई पूरी, क्रायोजेनिक स्टेज में तकनीकी गड़बड़ी

श्रीहरिकोटा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पृथ्वी की निगरानी करने वाले उपग्रह 'ईओएस-03' की लॉन्चिंग का मिशन पूरा नहीं हो पाया। लॉन्चिंग के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपण के बाद सैटेलाइट ने दो चरण सफलतापूर्वक पूरे किए, लेकिन 18 मिनट के बाद क्रायोजेनिक इंजन में तकनीकी गड़बड़ी आ गई। क्रायोजेनिक इंजन से आंकड़े मिलने बंद हो गए। इसके कुछ देर बाद इसरो ने मिशन के पूरा नहीं होने की घोषणा की। इसरो ने गुरुवार को यह जानकारी दी। दरअसल, इसरो का जीएसएलवी रॉकेट द्वारा भू्-अवलोकन उपग्रह को स्थापित करने का मिशन रॉकेट के क्रायोजेनिक चरण (कम तापमान बनाकर रखने संबंधी) में खराबी आने से पूरी तरह पूरा नहीं किया जा सका। 

गौरतलब है कि फरवरी में ब्राजील के भू-अवलोकन उपग्रह एमेजोनिया-1 और 18 अन्य छोटे उपग्रहों के प्रक्षेपण के बाद 2021 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का यह दूसरा मिशन था।

सुबह 5.43 बजे भरी थी उड़ान
एजेंसी के अनुसार, 51.70 मीटर लंबे रॉकेट जीएसएलवी-एफ10/ईओएस-03 ने 26 घंटे की उलटी गिनती के समाप्त होने के तुरंत बाद सुबह पांच बजकर 43 मिनट पर श्रीहरिकोटा के दूसरे लॉंच पैड (प्रक्षेपण स्थल) से सफलतापूर्वक उड़ान भरी थी। मिशन कंट्रोल सेंटर के वैज्ञानिकों ने बताया कि उड़ान भरने से पहले लॉन्च ऑथराइजेशन बोर्ड ने योजना के अनुसार सामान्य उड़ान भरने के लिए मंजूरी दी थी। पहले और दूसरे चरण में रॉकेट का प्रदर्शन सामान्य रहा। कुछ मिनटों बाद हालांकि, वैज्ञानिकों को चर्चा करते देखा गया और रेंज ऑपरेशन्स निदेशक द्वारा मिशन कंट्रोल सेंटर में घोषणा की गई की गई कि कुछ खराबी के कारण मिशन पूरी तरह से सम्पन्न नहीं हो सका। मिशन कंट्रोल सेंटर में रेंज ऑपरेशन्स निदेशक ने बताया कि क्रायोजेनिक चरण में प्रदर्शन में विसंगति देखी गई। मिशन पूरी तरह से सम्पन्न नहीं हो सका। बाद में इसरो के अध्यक्ष के सिवन ने भी इस बात की पुष्टि की।