अनिश्चितकालीन हड़ताल पर मप्र जनसंपर्क के अधिकारी-कर्मचारी
पूरे प्रदेश में विभागीय कार्य पूरी तरह ठप
चेतावनी, आदेश निरस्त न होने तक जारी रहेगी हड़ताल
भोपाल। मप्र जनसंपर्क विभाग में राप्रसे के अधिकारी की पदस्थापना के विरोध में विभाग के अधिकारी और कर्मचारी आज प्रदेशभर में कलमबंद हड़ताल पर रहे। जिसके चलते विभागीय कार्य पूरी तरह ठप हो गया है।
बता दें कि राज्य शासन द्वारा नर्मदापुरम संभाग में पदस्थ राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी गणेश जायसवाल को जनसंपर्क संचालनालय में अपर संचालक के पद पर पदस्थ करने का जमकर विरोध हो रहा है। आदेश जारी होने के कुछ ही घंटों के बाद गुरुवार सुबह भोपाल स्थित जनसंपर्क संचालनालय सहित पूरे प्रदेश में जनसंपर्क अधिकारी और कर्मचारी हड़ताल पर चले गए, जिसके चलते विभागीय कार्य पूरी तरह ठप हो गया है। हड़ताल पर बैठे अधिकारियों और कर्मचारियों का कहना है कि जब तक आदेश निरस्त नहीं होता, काम बंद अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रहेगी।

पदस्थापना आदेश तत्काल निरस्त करने की मांग
मध्यप्रदेश जनसंपर्क अधिकारी संघ ने आयुक्त जनसंपर्क को ज्ञापन सौंपकर कहा है कि राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी की जनसंपर्क विभाग में पदस्थापना विभागीय अधिकार क्षेत्र का उल्लंघन है, जिसे तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाए। ज्ञापन में साफ लिखा गया है कि यदि आदेश वापस नहीं लिया गया तो प्रदेश के सभी जिला कार्यालयों में कार्य पूरी तरह ठप रखा जाएगा।
डायरेक्टरेट के बाहर नारेबाजी
गुरुवार सुबह से ही जनसंपर्क संचालनालय के अधिकारी-कर्मचारी परिसर के बाहर एकत्र हुए और विरोध प्रदर्शन शुरू किया। कर्मचारियों ने कहा कि निर्णय वापस होने तक हम अपने कार्यस्थलों पर नहीं लौटेंगे। जानकारी के अनुसार विरोध की मुख्य वजह जनसंपर्क विभाग में दूसरे विभागों के अफसरों की पोस्टिंग है। कर्मचारियों का कहना है कि जायसवाल की नियुक्ति विभागीय अधिकार और उनकी वरिष्ठता को कमजोर करेगी, इसलिए यह निर्णय स्वीकार्य नहीं है।
पूरे प्रदेश में दिखा असर, कार्यालयों पर लगाया काला झंडा
संचालनालय में हुए प्रदर्शन का असर पूरे प्रदेश के कार्यालयों में देखने को मिला। जिलों में जनसंपर्क कार्यालयों पर काले झंडे लगाए गए और सभी कर्मचारी लामबंद हो गए।
सरकार का दांव उलटा पड़ गया?
प्रदेश में सरकार के दो साल पूरे होने पर रिपोर्ट कार्ड की तैयारी है। वहीं सबसे बडी बात है कि सरकार का रिपोर्ट कार्ड देने की जिम्मेदारी जिस विभाग के पास है, वही बगावत पर उतर आया है। ऐसे में सरकार उलझन में है। वह भी जब तब विभाग के मंत्री स्वयं मुख्यमंत्री ही हैं।
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