राजस्‍थान: गहलोत मंत्रिमंडल में फेरबदल, 15 नए चेहरे, पायलट गुट का अहमियत 

राजस्‍थान: गहलोत मंत्रिमंडल में फेरबदल, 15 नए चेहरे, पायलट गुट का अहमियत 

जयपुर। राजस्‍थान में सियासी हलचल के बीच प्रतीक्षित अशोक गहलोत मंत्रिमंडल का विस्तार रविवार को हो गया। मंत्रिमंडल में 15 नए चेहरों को जगह मिली है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को मंत्रिमंडल का पुनर्गठन करने के लिए सभी मंत्रियों के इस्तीफे ले लिए थे। उसके बाद रविवार को नए सदस्यों को शपथ दिलाई गई। खबसे खास बात यह रही कि इसमें सचिन पायलट के पांच करीबियों को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। 11 कैबिनेट मंत्री और चार राज्य मंत्रियों को शपथ दिलाई गई है। पायलट गुट के हेमाराम चौधरी ने सबसे पहले कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली।

दरअसल, राजभवन में हुए शपथ ग्रहण समारोह में राज्यपाल कलराज मिश्र ने इन विधायकों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। राज्यपाल ने हेमाराम चौधरी, महेंद्रजीत मालवीय, रामलाल जाट, महेश जोशी, विश्वेंद्र सिंह, रमेश मीणा, ममता भूपेश, भजनलाल जाटव, टीकाराम जूली, गोविंद राम मेघवाल और शकुंतला रावत को कैबिनेट मंत्री पद की शपथ दिलाई। वहीं जाहिदा खान, बृजेंद्र सिंह ओला, राजेंद्र गुढ़ा और मुरारीलाल मीणा ने राज्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। विश्वेंद्र सिंह ने कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ ली, वो पिछली दो बार से डीग कुम्हेर सीट से विधायक हैं और भरतपुर से ताल्लुक रखते हैं। वो पहले बीजेपी (BJP) में रह चुके हैं। पायलट के बागी गुट में वो भी शामिल थे, लेकिन मंत्रिपद से बर्खास्तगी के बाद गहलोत खेमे में वापस लौट आए। रमेश चंद्र मीणा ने भी कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ ली, मीणा सचिन पायलट के करीबी हैं औऱ सपोटरा सीट से विधायक हैं। वो करौली जिले से ताल्लुक रखते हैं।

गौरतलब है कि गहलोत सरकार अगले महीने कार्यकाल के 3 साल पूरे करने जा रही है और मंत्रिमंडल में यह पहला फेरबदल है। इसे पार्टी में गुटबाजी दूर करने के साथ क्षेत्रीय और जातीय संतुलन की कवायद के तौर पर देखा जा रहा है। पिछले साल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ बगावत के समय पायलट के साथ हटाए गए विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा को फिर से मंत्री बनाया गया है, जबकि बीएसपी से कांग्रेस में आए छह विधायकों में से राजेंद्र गुढ़ा को भी मंत्रीपद दिया गया है। इस पुनर्गठन में कैबिनेट मंत्री रघु शर्मा, हरीश चौधरी और राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा को हटाया गया है। इन तीनों मंत्रियों ने संगठन में काम करने की इच्छा जताते हुए अपना त्यागपत्र पहले ही कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेज दिया था।