मध्यप्रदेश की क्षेत्रीय साझेदारियों से खुलेगा विकास का द्वार : पर्यटन राज्य मंत्री लोधी

मध्यप्रदेश की क्षेत्रीय साझेदारियों से खुलेगा विकास का द्वार : पर्यटन राज्य मंत्री लोधी

म.प्र. ट्रेवल मार्ट के दूसरे दिन महाराष्ट्र, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के अधिकारियों के बीच इन्टर स्टेट टूरिज्म कोलेबरेशन विषय पर हुई चर्चा

भोपाल, पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेन्द्र भाव सिंह लोधी ने कहा है कि पर्यटन का भविष्य साझेदारी में निहित है। उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और पारिस्थितिक ताने-बाने से जुड़े हमारे राज्य मिलकर ऐसे संयुक्त पर्यटन परिपथ और अनुभव गढ़ने का प्रयास कर रहे हैं, जो न केवल घरेलू बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी मध्य भारत को एक नई पहचान देंगे। पर्यटन मंत्री लोधी मध्यप्रदेश ट्रेवल मार्ट के दूसरे दिन फॉस्टरिंग इन्टर स्टेट टूरिज्म कोलेबरेशन विषय चर्चा कर रहे थे। मध्यप्रदेश न केवल भौगोलिक रूप से, बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी भारत का केंद्र है। हमें यह समझना होगा कि अकेले आगे बढ़ने की बजाय मिलकर चलना ज्यादा प्रभावी होता है।

अपर मुख्य सचिव पर्यटन व संस्कृति एव प्रबंधन संचालक मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड शिवशेखर शुक्ल ने कहा कि मध्यप्रदेश अब एक विविधतापूर्ण, बहुआयामी और ऑफबीट पर्यटन गंतव्य के रूप में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी अलग पहचान बना रहा है। यहां विरासत, वन्यजीवन, रोमांच, संस्कृति, कला, हस्तशिल्प और पाक-परंपराओं का अनूठा संगम देखने को मिलता है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश की सीमा से लगे अन्य राज्य जैसे छत्तीसगढ़ से राम वन पथ गमन सर्किट, महाराष्ट्र के साथ ज्योर्तिलिंग सर्किट जैसे संयुक्त कार्यों पर काम किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त टाइगर कॉरिडोर, फिल्म पर्यटन और ईको टूरिज्म के साझा विकास की संभावना भी तलाशी जा सकती है।

मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड के उप संचालक युवराज पड़ोले ने बताया कि मध्यप्रदेश में राज्य पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित 498 स्मारक हैं, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा संरक्षित 290 स्मारक, स्थायी यूनेस्को विश्व धरोहर 3 स्थल, यूनेस्को की संभावित सूची में शामिल 15 स्थल हैं। यूनेस्को द्वारा मान्यता प्राप्त रचनात्मक शहर की श्रेणी में संगीत के लिए – ग्वालियर, साहित्य के लिए भोपाल का चुना गया है। मांडू, ओरछा, चंदेरी, बुरहानपुर और खजुराहो जैसे ऐतिहासिक शहरों की मध्यकालीन भव्यता दर्शकों को मंत्रमुग्ध करती है।

राजस्थान के साथ संयुक्त पर्यटन की संभावनाएं

मध्यप्रदेश और राजस्थान को एक संयुक्त इनबाउंड पर्यटन गंतव्य के रूप में विकसित करने की दिशा में प्रयास जारी हैं। इसके अंतर्गत सीमा-पार पर्यटन ढांचे को मजबूत करने और सतत गंतव्य विकास को बढ़ावा देने की योजना है। हेरिटेज धरोहर परियोजना के अंतर्गत दोनों राज्यों की सांस्कृतिक और स्थापत्य विरासत को जोड़ते हुए उनका संयुक्त प्रचार-प्रसार किया जाएगा।

छत्तीसगढ़ के साथ सहयोग के अवसर

छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड के अध्यक्ष नीलू शर्मा ने कहा कि दोनों राज्यों की जनजातीय संस्कृति, वन्यजीवन, धरोहर और हस्तशिल्प को उजागर करने के लिए को-ब्रांडेड अभियान शुरू किए जाएंगे। यह सहयोग न केवल सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देगा, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी ध्यान आकर्षित करेगा। छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड के एमडी विवेक आचार्य ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य 7 राज्यों के साथ बार्डर साझा करता है। उन्होंने कहा कि इन्टरस्टेट बाडर्स में पर्यटकों को सबसे बड़ी समस्या टोल प्लाजा पर आती है। इसके समाधान के लिये राज्यों के मध्य एमओयू होना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि अलग-अलग राज्यों के टूरिज्म बोर्ड का व्हाटसऐप ग्रुप बनाया जाना चाहिए।

मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के बीच हो टूरिज्म कॉरिडोर पुनर्स्थापित

महाराष्ट्र टूरिज्म डेवलपमेंट के जनरल मैनेजर चंद्रशेखर जायसवाल ने कहा कि मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के बीच टूरिज्म कॉरिडोर पुनर्स्थापित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि दोनों राज्यों के बीच एक्सचेंज ऑफ टूरिज्म स्टडी टू और बेस्ट प्रेक्टिसेस एक्सचेंज किये जाने चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र मिलकर वाइल्ड लाइफ सर्किट बनाने पर विचार जाना चाहिए।

कस्टमाइज्ड टूरिज्म पर जोर

तेलंगाना प्रोजेक्ट कन्सल्टेन्ट प्राइवेट लिमिटेड के एमडी श्रीनिवास बंदा ने कहा कि मध्यप्रदेश और तेलंगाना मिलकर मेडिकल टूरिज्म, वाइल्ड और रिलिजीयस टूरिज्म पर बेहतर काम कर सकते हैं। तेलंगाना सरकार में पीएमयू कसंलटेंट फ्राज मलिक ने कहा कि वर्तमान में हमें कस्टमाइज्ड टूरिज्म पर विचार करना चाहिए, जिसके तहत मेडिकल, धार्मिक, वाइल्ड लाइफ आदि टूरिज्म शामिल हैं। इसके अतिरिक्त हम टूरिज्म कॉलेज खोलने पर भी विचार कर सकते हैं।

इस अवसर पर उत्तर प्रदेश स्टेट काउंसिल फिक्की के अध्यक्ष प्रतीक हीरा, मध्यप्रदेश टूरिज्म कमेटी फिक्की के चेयरमेन महेन्द्र प्रताप सिंह ने भी अपने विचार रखे।