राजस्थान में क्षय रोग उन्मूलन हेतु एआई समाधान का राज्य स्तरीय शुभारंभ

जयपुर। राजस्थान में क्षय रोग (टीबी) उन्मूलन के प्रयासों को सशक्त बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए टीबी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) समाधान का राज्य स्तरीय शुभारंभ शुक्रवार को जयपुर में मिशन निदेशक, एनएचएम, राजस्थान डॉ. अमित यादव ने किया।
मिशन निदेशक ने उपस्थित जिला क्षय रोग अधिकारीयों को सम्बोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार टीबी उन्मूलन के प्रति प्रतिबद्ध है और आर्टिफिशल इंटेलीजेंस के उपयोग से निश्चित रूप से टीबी उन्मूलन के प्रयासों को गति मिलेगी।
उन्होंने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों को स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप रणनीति बनाने पर बल दिया एवं शीघ्र निदान हेतु NAAT टेस्ट का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
डॉ यादव ने वधवानी एआई के साथ विकसित एआई समाधान का उपयोग कर जिलों में इस नवाचार का अधिक से अधिक उपयोग करते हुए टीबी रोगियों को चिन्हित करने के निर्देश दिए।
राज्य क्षय रोग अधिकारी डॉ. पुरुषोत्तम सोनी ने कहा कि केंद्रीय टीबी प्रभाग द्वारा मॉनिटर किए जाने वाले 6 प्रमुख संकेतकों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। विभेदित देखभाल, शीघ्र पहचान, उपचार अनुपालन, सामुदायिक सहभागिता एवं निक्षय पोषण योजना के बेहतर क्रियान्वयन पर विशेष ध्यान दिया जाये। डॉ सोनी ने उच्च जोखिम वाले टीबी मरीजों की PATO एआई समाधान के माध्यम से फॉलो-अप करने के निर्देश दिए।
डॉ. सुनील सिंह, राज्य नोडल अधिकारी (NCD) ने सभी प्रतिभागियों व आयोजकों का आभार व्यक्त किया और इस पहल को सफल बनाने के लिए उनके योगदान की सराहना की। डॉ सिंह ने कहा कि यह राज्य स्तरीय शुभारंभ राजस्थान में कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित हस्तक्षेपों के व्यापक क्रियान्वयन की दिशा में एक सशक्त शुरुआत है। राज्य नेतृत्व के स्पष्ट मार्गदर्शन और सभी 42 जिलों की सक्रिय भागीदारी से टीबी उन्मूलन कार्यक्रम को नई गति मिली है। यह अवसर इस तथ्य को रेखांकित करता है कि सामूहिक प्रयास, नवाचार और स्थानीय रणनीतियों के माध्यम से टीबी मुक्त राजस्थान का लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है।
इस अवसर पर राज्य एवं जिला स्तर के वरिष्ठ अधिकारी, तकनीकी विशेषज्ञ, विकास सहयोगी संस्थाएँ तथा वधवानी एआई की राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय टीम और जिला क्षय अधिकारी उपस्थित रहे ।
कार्यक्रम के दौरान राजस्थान के कोटा संभाग (कोटा, बूंदी, बारां, झालावाड़) में पायलट स्तर पर लागू किए गए तीन एआई समाधान का विस्तार अब प्रदेश के सभी 42 जिलों में किया जाएगा।