दिनभर में दो घंटे धूप में रहें, आंखें होंगी मजबूत, एम्स के शोध में हुआ खुलासा

दिनभर में दो घंटे धूप में रहें, आंखें होंगी मजबूत, एम्स के शोध में हुआ खुलासा

नई दिल्ली, दिन में कुछ समय यदि आप घूप लेते हैं तो विटामिन डी तो मिलता ही है, साथ में आंखें भी मजबूत होती हैं। एम्स के एक रिसर्च में पाया गया है कि जो बच्चे सूरज की रोशनी में रहते हैं उनमें दृष्टिदोष होने की संभावना कम हुई है।

 2 घंटे धूप में बिताने से दृष्टिदोष होने की आशंका कम

हमें और हमारे बच्चों को प्रकृति से दूर होने का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। आजकल बच्चे धूप, मिट्टी और शुद्ध हवा से दूर हो रहे हैं। जिसके चलते उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो रही है और उनका शरीर बीमारियों का घर बना रहा है। दिल्ली के एम्स की एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि जो बच्चे धूप में नहीं निकलते उनकी आंखों पर भी इसका असर पड़ रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि हर दिन 2 घंटे धूप में बिताने और सूरज की रौशनी में रहने से दृष्टिदोष होने की आशंका कम हो जाती है।  

एम्स के नेत्र विज्ञान विभाग के एक रिसर्च में पता चला है कि कोरोना महामारी के बाद बच्चों की आंखों में प्रोग्रेसिव मायोपिया के काफी मामले बढ़ रहे हैं। जिसे देखते हुए डॉ. राजेंद्र प्रसाद सेंटर के बाल नेत्र विज्ञान विभाग में डॉक्टर्स की एक टीम ने दिल्ली के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को पर एक शोध किया। इसमें 22 सरकारी और प्राइवेट स्कूलों के बच्चों को शामिल किया गया और इन्हें 2 ग्रुप में बांटा गया था।

धूप में रहने वाले बच्चों की आंखों में दृष्टिदोष भी कम हुआ 

शोध के दौरान दो ग्रुप बनाया गया, एक ग्रुप के बच्चों को नॉर्मल लाइफ जीने दी और दूसरे ग्रुप के बच्चों को दिन में आधे घंटे और सप्ताह में पांच दिन बाहर धूप में लगभग 2 घंटे तक रखा गया। करीब 2 साल तक बच्चों के साथ ऐसा किया गया। इस दौरान बच्चों की सेहत और आंखों में होने वाले बदलाव को भी देखा गया। करीब 3 साल बाद बच्चों की आंखों और सेहत को लेकर मूल्यांकन किया गया, जिसमें रोज आधा घंटे धूप या सूरज की रोशनी में रहने वाला बच्चों की आंखें बंद कमरे में रहने वाले बच्चों के मुकाबले ज्यादा स्वस्थ पाई गई। धूप में रहने वाले बच्चों की आंखों में दृष्टिदोष भी कम हुआ।

दृष्टिदोष है तो इसे कम किया जा सकता है

शोध में शामिल एम्स के डॉ. रोहित सक्सेना की माने तो बच्चों के सूरज की रोशनी के रहने से दृष्टिदोष होने के खतरे को कम किया जा सकता है। शोध के दौरान बच्चों को शरीर और मौसम के हिसाब से बाहर रखा गया। तेज धूप होने पर उन्हें पेड़ की छांव में खेलने के लिए कहा गया। इस रिसर्च से पता चलता है कि सूरज की रोशनी में रहने से आंखों की बीमारी और नज़र कमजोर होने से बचा जा सकता है। अगर बच्चे में कोई दृष्टिदोष है तो इसे कम किया जा सकता है।

कैसे पहचानें बच्चों में दृष्टि दोष 

अगर बच्चा आंखों को सिकोड़ता है, आंखों को बार-बार मलता है, दूर से शब्दों को न पढ़ पाए, तो समझियें कि दृष्टिदोष है।

बच्चों को कमजोर नजर से कैसे बचाएं

बच्चों की नजर कमजोर न हो इसके लिए रोजाना बच्चों को धूप में लेकर जाएं और बाहर फिजिकल एक्टिविटी कराएं। हर साल उनका आई टेस्ट जरूर करवाएं। बच्चों को विटामिन ए से भरपूर भोजन दें। बच्चों को कम रोशनी में पढ़ने से रोकें, किताब को बहुत ज्यादा आगे लाकर या दूर से न पढ़ाएं। पढ़ाई के बीच हर आधा घंटे पर आंखों को आराम दें। इसके अलावा बच्चों को फोन और टीवी का इस्तेमाल कम करने दें।

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