दुनिया के आधा दर्जन से ज्यादा देशों में हैं भारतीय मूल के विदेशी राजनेता, कहां, कौन है

दुनिया के आधा दर्जन से ज्यादा देशों में हैं भारतीय मूल के विदेशी राजनेता, कहां, कौन है

नई दिल्ली, भारतीय मूल के ब्रिटिश सांसद ऋषि सुनक ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बन गए हैं। उनका इस पद पर होना भारत के लिए गौरव का पल है। किसी भारतीय मूल के व्यक्ति का विदेशों में अहम पदों पर होना हमारे देश के लिए बेहद लाभकारी होता है। ब्रिटेन के अलावा भी दुनिया भर में कई ऐसे नेता हैं जो भारतीय मूल के हैं। 

तमिलनाडु से ताल्लुक रखती है अमेरिकी उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस 
भारतीय मूल के शीर्ष नेताओं में अमेरिकी उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस भी शामिल हैं। वह वर्तमान में अमेरिका की उपराष्ट्रपति है।  57 साल की राजनेता कमला भारत के तमिलनाडु से ताल्लुक रखती है। कमला हैरिस भारतीय मां और जमैकाई पिता की बेटी हैं। उन्होंने 2011 से 2017 तक कैलिफोर्निया के अटॉर्नी जनरल के रूप में सेवा किया था। उसके बाद साल 2021 में अमेरिका की उपराष्ट्रपति बनी।

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हैरिस का अमेरिका की उप राष्ट्रपति बनने तक का सफर बेहद दिलचस्प रहा। उन्हें सबसे पहले साल 2003 में सैन फ्रांसिस्को के काउंटी की डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी के तौर पर चुना गया था। इसके बाद वह कैलिफोर्निया की अटॉर्नी जनरल बनीं। हैरिस ने साल 2017 में कैलिफोर्निया से संयुक्त राज्य सीनेटर के रूप में शपथ ली थीं। वो ऐसा करने वाली दूसरी अश्वेत महिला थीं। उन्होंने होमलैंड सिक्योरिटी एंड गवर्नमेंट अफेयर्स कमेटी, इंटेलिजेंस पर सेलेक्ट कमेटी, ज्यूडिशियरी कमेटी और बजट कमेटी में भी काम किया।

पुर्तगाल में पीएम एंटोनियो कोस्टा के दादा गोवा के निवासी थे
भारतीय मूल के नेताओं में एक एंटोनियो कोस्टा पुर्तगाल के प्रधानमंत्री हैं। एंटोनियो के दादा लुई अफोंसो मारिया डी कोस्टा गोवा के निवासी थे। हालांकि एंटोनियो कोस्टा का जन्म मोज़ांबीक में हुआ लेकिन उनके परिवार के कई लोग आज भी गोवा के मरगाओ के नजदीक रुआ अबेद फारिया गांव में रहते हैं।
कोस्टा ने एक बार अपने भारतीय मूल के होने पर कहा था। "मेरी चमड़ी के रंग ने मुझे कभी भी कुछ भी करने से नहीं रोका। मैं अपनी त्वचा के रंग के साथ सामान्य रूप से रहता हू।" नस्लभेद पर भी बात करते हुए एक बार उन्होंने कहा था कि उनकी चमड़ी का रंग अलग था लेकिन इसके बाद भी उन्हें कभी नस्लभेद का सामना नहीं करना पड़ा।

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एंटोनियो पुर्तगाल में पीएम बनने से पहले लिस्बन के मेयर रह चुके हैं। मेयर रहते हुए ही उन्होंने भारत के साथ बेहतर व्यापारिक रिश्तों पर ज़ोर दिया था। यही नहीं उन्हें साल 2017 में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओसीआई कार्ड सौंपा था।

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ओसीआई कार्ड धारकों के पास भारतीय नागरिकों की तरह सभी अधिकार होते हैं, ब, चार चीज़ें हैं जो वे नहीं कर सकते। पहला वह चुनाव नहीं लड़ सकते। दूसरा वह वोट नहीं डाल सकते। तीसरा कार्ड धारक सरकारी नौकरी या संवैधानिक पद पर नहीं हो सकते और ओसीआई कार्ड धारक खेती वाली जमीन नहीं खरीद सकते।

बिहार से जुड़ी हुई हैं मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ की जड़ें 
हिंद महासागर में बसे मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ भी भारतीय मूल के राजनेता हैं, उनकी जड़ें भारत के बिहार से जुड़ी हुई हैं। प्रविंद जगन्नाथ के पिता अनिरुद्ध जगन्नाथ भी मॉरीशस के पीएम और राष्ट्रपति पद पर रह चुके हैं। वह भारत से इतने जुड़े हुए हैं कि हाल ही में वह पिता की अस्थियों को गंगा में प्रवाहित करने के लिए वाराणसी पहुंचे थे। पीएम प्रविंद जगन्नाथ इसके अलावा भी कई मौके पर भारत आ चुके हैं।

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सिंगापुर की पहली महिला राष्ट्रपति हलीमा याकूब भारतीय मूल की 
भारत के लिए गर्व का पल था जब भारतीय मूल की हलीमा याकूब सिंगापुर की पहली महिला राष्ट्रपति बनीं थीं। उन्हें 14 जनवरी 2013 को सिंगापुर की संसद का स्पीकर चुना गया था। हलीमा याकूब के पिता भारतीय मूल के थे। हालांकि उनकी मां मलय मूल की थीं।

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राष्ट्रपति का पदभार संभालने से पहले हलीमा सिंगापुर की संसद में अध्यक्ष पद की भूमिका निभा रही थी। हलीमा याकूब सिंगापुर की पहली महिला राष्ट्रपति बनने से पहले संसद की पहली महिला अध्यक्ष बनकर भी इतिहास रचा था।

भारत से जुड़ा हुआ है सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिका प्रसाद संतोखी का रिश्ता 
दक्षिण अमेरिकी देश सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिका प्रसाद संतोखी का रिश्ता भी भारत से जुड़ा हुआ है। कुछ खबरों के मुताबिक, उन्होंने राष्ट्रपति पद की शपथ संस्कृत में ली थी। 

भारतीय मूल के है परिवार गुयाना के राष्ट्रपति इरफान अली
कैरेबियाई देश गुयाना के राष्ट्रपति इरफान अली भी भारतीय मूल के है। इनके के पूर्वजों की जड़ें भी भारत से जुड़ी हैं। राष्ट्रपति इरफान अली का जन्म साल 1980 में एक भारतीय मूल के परिवार में हुआ था।

बता दें कि गुयाना दक्षिणी अमेरिका महाद्वीप के उत्तर-मध्य भाग में स्थित एक देश है। यह हॉलैंड, पुर्तगालियों और अंग्रेजो का उपनिवेश था। गुयाना को ब्रिटेन के 200 सालों के शासन से 26 मई 1966 को आजादी मिली थी। इस देश में भारतीयों की संख्या सबसे अधिक है। यहां भारतीय अंग्रेजों के शासन काल में आये थे। 

बिहार से जुड़े हुए हैं सेशेल्स के राष्ट्रपति वावेल रामकलावन के पूर्वज 
भारतीय मूल के नेता के लिस्ट में सेशेल्स के राष्ट्रपति वावेल रामकलावन का नाम भी शामिल है, वावेल रामकलावन के पूर्वज भारत के बिहार प्रांत से जुड़े हुए हैं। उनके पिता एक लोहार थे। वहीं, उनकी मां एक शिक्षक थीं।

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