यह कैसी नैतिकता ? सीएम पद से इस्तीफा दें केजरीवाल: कांग्रेस नेता संजय निरूपम 

यह कैसी नैतिकता ? सीएम पद से इस्तीफा दें केजरीवाल: कांग्रेस नेता संजय निरूपम 

नई दिल्ली, आबकारी नीति घोटाला मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ईडी ने 21 मार्च को गिरफ्तार कर लिया है। इसके बाद से घमासान मचा हुआ है। बीजेपी के नेता एक ओर जहां इस कार्रवाई को भ्रष्टाचार के खिलाफ उठाया गया कदम बता रहे हैं तो वहीं, इंडी गठबंधन के नेता इसे लोकसभा चुनाव से पहले विपक्ष को डराने की साजिश बता रहे हैं। आप के नेताओं का कहना है कि केजरीवाल सीएम पद से इस्तीफा नहीं देंगे और जेल से ही सरकार चलेगी। वहीं अब महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता संजय निरूपम ने बयान दिया है।

भारतीय राजनीति में नैतिकता की जो नई परिभाषा लिख रहे हैं

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उन्होंने लिखा, "दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपने जीवन के सबसे बड़े संकट से गुजर रहे हैं। इंसानियत के नाते उनके प्रति सहानुभूति है। कॉंग्रेस पार्टी ने भी उन्हें सार्वजनिक रूप से समर्थन दिया है। लेकिन वे भारतीय राजनीति में नैतिकता की जो नई परिभाषा लिख रहे हैं,उसने मुझे यह पोस्ट लिखने के लिए मजबूर कर दिया। एक समय था जब एक हवाला कारोबारी जैन की कथित डायरी में अडवाणी जी,माधवराव सिंधिया और कमलनाथ जैसे नेताओं के नाम आए थे और उनपर रिश्वत लेने के आरोप लगे,तब उन्होंने नैतिकता का तक़ाज़ा देकर तत्काल अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया था।"

लाल बहादुर शास्त्री ने एक ट्रेन दुर्घटना पर इस्तीफ़ा दे दिया था

कांग्रेस नेता संजय निरूपम ने आगे लिखा, "लाल बहादुर शास्त्री ने एक ट्रेन दुर्घटना पर इस्तीफ़ा दे दिया था। अभी हाल में जब वे इंडिया अगेंस्ट करप्शन का तमाशा पूरे देश को दिखा रहे थे तब यूपीए सरकार के मंत्रियों ने भ्रष्टाचार के छिछले आरोपों पर भी अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया था। कुछ महीने पहले की बात है,झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गिरफ़्तारी से पहले पद छोड़कर एक नैतिक आचरण पेश किया था। हज़ारों साल पीछे जाएं तो अपने पिता के वचन के लिए राम ने राजपाट त्याग दिया था।जिसके लिए राजपाट छीना गया था,वह कभी भी राजा रामचंद्र के सिंहासन पर नहीं बैठा।बल्कि खड़ाऊँ रखकर तब तक राज चलाया जब तक उनके बड़े भाई राम लौटे नहीं। भारत की ऐसी समृद्ध परंपरा रही है।"

यह कैसी नैतिकता है ? उन्हें तत्काल अपने पद से इस्तीफ़ा देना चाहिए

उन्होंने आगे लिखा, "दिल्ली के शराब घोटाले की सच्चाई क्या है, इसका फ़ैसला अदालत को करना है। पर एक मुख्यमंत्री पर इस घोटाले में भ्रष्टाचार का आरोप लगा है।उनकी गिरफ़्तारी हुई है। वे कस्टडी में है और मुख्यमंत्री के पद से अभी तक चिपके हुए हैं? यह कैसी नैतिकता है ? उन्हें तत्काल अपने पद से इस्तीफ़ा देना चाहिए। भारत की राजनीति में महज़ 11 साल पुरानी पार्टी राजनीति के पूरी तरह अनैतिक हो जाने की एक मिसाल पेश कर रही है। हम अपने-अपने राजनीतिक कुनबे के हिसाब से पूरी घटना पर स्टैंड ले रहे हैं,पर ख़तरा यह है कि केजरीवाल जी की अपनी कुरसी से चिपके रहने की ज़िद आगे जाकर भारतीय राजनीति को और खोखली कर देगी। इस ख़तरे को राजनीति से ऊपर उठकर भाँपने की आवश्यकता है।"

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