ग्वालियर
आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में पकड़े गए धार के जिला आबकारी अधिकारी(डीईओ)पराक्रम सिंह चन्द्रावत को धार से हटा दिया गया है। नवागत आबकारी आयुक्त रजनीश श्रीवास्तव ने पदभार संभालते ही भ्रष्ट्राचार में घिरे डीईओ पराक्रम पर कार्रवाई करते हुए आबकारी मुख्यालय मोतीमहल ग्वालियर में अटैच कर दिया है। उन्हें निर्देश दिए हैं कि तत्काल प्रभाव से मुख्यालय में आमद दर्ज कराएं। आरोपी डीईओ के खिलाफ लोकायुक्त की जांच पूरी होने के बाद जैसे ही रिपोर्ट शासन के समक्ष पेश की जाएगी,इसके बाद निलंबन की कार्रवाई की जा सकती है।
बता दें कि इंदौर-उज्जैन की लोकायुक्त की टीमों ने (दस दिन पहले 27 अप्रैल को )संयुक्त रूप से धार के जिला आबकारी अधिकारी पदाक्रम सिंह के आठा ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापे मारे। छापे में इस अधिकारी की करोड़ों की सम्पत्ति उजागर हुई। जब्त किए गए दस्तावेजों की पड़ताल व बैंक के लॉकरों से पता चला कि वह बेहिसाब सम्मति का मालिक है। भ्रष्ट्राचार करके अलग-अलग जगहों पर कई आलीशान मकान,प्लॉट,जमीन,पेट्रोल पंप सहित लाखों का गोल्ड भी बनवा रखा था। एक के बाद एक परतें खुलती गई और जिला आबकारी अधिकारी घिरता चला गया। लोकायुक्त ने प्रराक्रम सिंह के साथ ही उनकी पत्नी विभावरी कुमारी के खिलाफ भी विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज किए। वावजूद इसके आबकारी विभाग ने आरोपी अधिकारी पर सात दिन में कोई कार्रवाई नहीं की। जिस पर समान्य प्रशासन विभाग के स्पष्ट निर्देश हैं कि ट्रेप या छापे के बाद संबंधित अधिकारी व कर्मचारी को तीन दिन के भीतर हटा दिया जाए। नए आबकारी आयुक्त ने पदभार संभालते ही धार के इस मामले के गंभीरता से लेते हुए डीईओ पराक्रम को धार से हटाकर मुख्यालय में अटैच करने के आदेश शनिवार को निकाल दिए हैं। उन्होंने कहा है कि छापे में जो भी मिला है,उसकी जांच की जाएगी। इस दौरान जो तथ्य सामने आएंगे,उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।