बालाघाट व वारासिवनी महिला सीट आरक्षित

बालाघाट व वारासिवनी महिला सीट आरक्षित

दोनो नपा में महिला सामान्य होगी अध्यक्ष

rafi ahmad ansari बालाघाट, बालाघाट और वारासिवनी नपा की बागडोर अब महिला सामान्य के हाथो में होगी। वारासिवनी और बालाघाट नगरपालिको महिला सामान्य के लिये आरक्षित कर दिया गया है। अब देखना ही की इस होड में कौनसे नेताओ की पत्नि या पुर्व नगरपालिका अध्यक्षो की पत्नि को भी इन दोनो सीटो पर खडा किया जा सकता है। वारासिवनी नगरपालिका में भाजपा व कांग्रेस का जबरदस्त पेच प्रत्याशियो को लेकर फस सकता है। कांग्रेस से बागी होकर निर्दलिय और भाजपा को समर्थन देकर लगभग गुडडा जायसवाल का प्रत्याशि तो इस दौड से बाहर समझा जा रहा है लेकिन इसके बावजूद भी कांग्रेस ने अपने खाते से प्रदीपजायसवाल के खास को टिकट देने की हिमाकत करती है तो निश्चित ही कांग्रेस को भारी कीमत चुकानी पड सकती है । यही बात भाजपा पार्टी के लिये भी लागु होती है। क्योकी कोई भी सर्मपण कार्यकर्ता किसी भितरघातियो को बर्दाश्त नही करेगा ना ही जनता स्वीकार करेगी अब का नपा चुनाव पार्टी सिंबाल को देखकर नही व्यक्ति के व्यक्तित्व पर भी खास नजर होगी वारासिवनी नपा चुनाव कांग्रेस भाजपा के लिये गले की हटटी साबित हो सकता है। क्योकी दोनो ही दलो ने एक दुसरे की पार्टी के लोगो को शामिल कर कांग्रेस भाजपा सरकार बना ली है। तो किस मुह से भाजपा कांग्रेस अपने प्रत्याशियो के लिये वोट मांगेंगे भाजपा सरकार में रहते हुये प्रदीप जायसवाल ना तो कांग्रेस प्रत्याशि के लिये वोट मांग सकते है। और ना ही ना कटटर कांग्रेसी भाजपा प्रत्याशि के लिये वोट मांगते प्रदीप जायसवाल को बर्दाश्त कर सकते है। मजबूत दावेदार विक्की पटेल जो की नपा अध्यक्ष है उनका पक्ष मजबूत हो सकता है। वहीं संजय मसानी भी कांग्रेस को सामान्य महिला उम्मीदवार दे सकते है। भाजपा अपने प्रत्याशि को लेकर बेहद कस्मोकस में है। मौका आमजनता के साथ अन्य राजनिती पार्टियो के लिये सुनहरा अवसर है की ये दलबदलु नेताओ के साथ साथ भाजपा को भी आडे लेकर अपना उचित प्रत्याशि तय कर कांग्रेस और भाजपा को सबक सिखा सकती है। हांलकि बालाघाट में भाजपा और कांग्रेस त्रिकोणियो संंंंघर्ष के साथ चुनाव लडना तय है। प्रत्याशि का चयन के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पायेगी की वारासिवनी और बालाघाट का नपा चुनाव कौनसी महिला कर सर नपा की कमान होगी। नगरीय निकाय चुनाव के लिए आरक्षण प्रक्रिया हुई संपन्न। नगरपालिका परिषद बालाघाट महिला उम्मीदवार के लिए हुआ मुक्त। कांग्रेस भाजपा को उम्मीदवार चयन के लिए करनी पड़ सकती है मशक्कत। निर्दलीय उम्मीदवार अनुभा मुंजारे का चुनाव लड़ना तय। मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय चुनावों की तारीखों का ऐलान भले ही ना हो लेकिर आरक्षण की प्रक्रिया संपन्न होते ही कई दावेदार मैदान में दिखाई दे रहे है। बालाघाट नगरपालिका परिषद का ताज इस बार महिला उम्मीदवार के लिए मुक्त हो चुका है। जिससे उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया में थोड़ा विलंब हो सकता है। हालांकि यहा से पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष के तौर पर सेवाएं दे चुकी निर्दलीय उम्मीदवार अनुभा मुंजारे की दावेदारी अभी से तय हो गयी है। जबकि कांग्रेस से संभावित उम्मीदवार के तौर पर अंजु जायसवाल हिरासन उईके दुर्गा कसार एवं शहनाज खान का नाम प्रमुखता से सामने आ सकता है। वही भाजपा के संभावित उम्मीदवारों में भारती पारधी गौरी राजेश लिल्हारे वीणा कनौजिया जैसे नाम प्राथमिक तौर पर लिए जा सकते है। इनमें एक दो नाम और भी जो इस सूची को बढ़ा सकते है। वही पिछले चुनाव में चाबी निशान से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर प्रतिद्वंदी के रेस में टाप पर रहे अनिल सोनी इस चुनाव में फिर से ताकत झोक सकते है। हालांकि अध्यक्ष का पद महिला उम्मीदवार के लिए मुक्त हो जाने से प्रत्याशियों के चयन में थोड़ा सोच विचार भी करना पड़ सकता है। फिर भी यह माना जा रहा है कि अनिल सोनी अपनी बहू को इस चुनाव में अध्यक्ष के तौर पर नामित कर सकते है। फिलहाल प्रदेश कें नगरीय निकायों में वोटर लिस्ट का रिवीजन 14 दिसंबर तक पूरा हो रहा है। ऐसे में माना जा रहा है कि 15 दिसंबर के बाद निकाय चुनाव की तारीखों का भी ऐलान हो जाएगा।