मध्यप्रदेश स्थापना दिवस पर रही लोकगीत व लोकनृत्य की धूम 

मध्यप्रदेश स्थापना दिवस पर रही लोकगीत व लोकनृत्य की धूम 
मध्यप्रदेश स्थापना दिवस पर रही लोकगीत व लोकनृत्य की धूम 

मध्यप्रदेश स्थापना दिवस पर रही लोकगीत व लोकनृत्य की धूम 

आओ हम सब मिलकर मध्यप्रदेश निर्माण के संकल्पों को पूरा करें - मंत्री श्रीमती संपतिया उइके

मध्यप्रदेश की विकास और प्रगति के लिए सभी नागरिकों का योगदान जरूरी है - सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते

मंडला (1 नवंबर 2024) - आजादी के बाद मध्यप्रदेश राज्य की स्थापना 1 नवम्बर 1956 को हुई। मध्यप्रदेश की स्थापना को लेकर रानी दुर्गावती महाविद्यालय मंडला के ऑडीटोरियम में म.प्र. स्थापना दिवस का जिला स्तरीय कार्यक्रम संपन्न हुआ। प्रदेश शासन की लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्रीमती संपतिया उइके और सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते ने माँ सरस्वती की प्रतिमा पर दीप प्रज्वलित व माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर जिले के लोक कलाकारों ने लोकगीत व लोकनृत्य प्रस्तुत किए। उनके द्वारा प्रस्तुत कार्यक्रमों ने उपस्थित जनसमुदाय का मनमोह लिया, तालियों की गड़गड़ाहट ने पूरा कार्यक्रम स्थल गूंज उठा। मंत्री श्रीमती संपतिया उइके और सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते ने स्थानीय कलाकारों के साथ मिलकर लोकनृत्य किए व लोकगीत गाए।

मंत्री श्रीमती संपतिया उइके ने कहा कि देश की आजादी 1947 के बाद राज्यों का गठन हुआ। जिसके तहत एक नवंबर 1956 को मध्यप्रदेश राज्य भारत के अस्तित्व में आया। मध्यप्रदेश राज्य निर्माण में तत्कालीन सीपी एण्ड बरार, मध्य भारत विंध्य प्रदेश और भोपाल जैसे राज्यों को मिलाकर प्रदेश का निर्माण किया गया। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश राज्य की सीमाएं उत्तर में उत्तरप्रदेश, दक्षिण में महाराष्ट्र, पूर्व में छत्तीसगढ़ एवं पश्चिम में गुजरात और राजस्थान को छूती है। मध्यप्रदेश भारत के हृदय स्थल में है, इसलिए इसे मध्यप्रदेश के नाम से जाना जाता है। मंत्री श्रीमती संपतिया उइके ने कहा कि मध्यप्रदेश के विकास के लिए सभी जनप्रतिनिधि, प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों, समाजसेवियों, गणमान्य नागरिकों एवं पत्रकारगणों की सहभागिता जरूरी है। प्रदेश में सभी वर्गों में भाईचारा कायम रहे और प्रदेश के विकास में सबकी भागीदारी सुनिश्चित हो। मंत्री श्रीमती संपतिया उइके ने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश की जनता को विभागीय योजनाओं से लाभान्वित कर उनका सर्वांगीण विकास कर रहे हैं। जिससे प्रदेश के नागरिकों को शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, बिजली, सड़क, पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं सुलभता से उपलब्ध हो रही हैं। उन्होंने उपस्थित जनसमुदाय से अपील की, कि देश/प्रदेश के विकास में अपनी सहभागिता कर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री जी के संकल्पों को पूरा करें।

सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते ने कहा कि मध्यप्रदेश राज्य की स्थापना एक नवंबर 1956 को प्रदेश की भौगोलिक, सांस्कृतिक, कला, परंपरा और इतिहास को लेकर की गई। मध्यप्रदेश स्थापना में चम्बल, विंध्य, निमाड़, छत्तीसगढ़, मालवा, नर्मदा सोनघाटी, बघेलखण्ड जैसे भौगोलिक क्षेत्र शामिल हुए। इन्ही भौगोलिक क्षेत्रों को लेकर मध्यप्रदेश राज्य का नवनिर्माण हुआ। मध्यप्रदेश निर्माण के बाद कृषि, शिक्षा, रोजगार, बिजली, सड़क, पानी, सिचाई को लेकर लगातार विकास कर रहा है। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश निर्माण के बाद से किसानों के लिए सिचाई का क्षेत्र लगातार बढ़ रहा है। प्रदेश में विकास एवं निर्माण कार्यों को लेकर लगातार कार्य हो रहे हैं। इतिहास, संस्कृति, परंपरा और लोक कलाओं को प्रोत्साहित किया गया है। उन्होंने देश की आजादी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले जननायकों के बारे में भी विस्तार से बताया। सांसद श्री कुलस्ते ने बताया कि हमारी सरकार ने आदिवासियों की शहीद स्थल मानगढ़ को भी संरक्षित करने का कार्य किया है।

सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते ने बताया कि मध्यप्रदेश देश का आदिवासी बाहुल्य जिला है। नर्मदा नदी के तट से लेकर पूर्वी मध्यप्रदेश तक जनजातीय समूहों की कला, संस्कृति विभिन्न माध्यमों से फैली हुई है। मध्यप्रदेश के निर्माण से आदिवासी कला एवं संस्कृति को महत्वपूर्ण स्थान मिला है। उन्होंने बताया कि डिंडौरी जिले में पाटनगढ़, गोंड़ी पेंटिंग का केन्द्र है। पाटनगढ़ को गोंड़ी पेंटिंग के नाम से पूरे देश में पहचान मिली है। सांसद श्री कुलस्ते ने मध्यप्रदेश स्थापना दिवस कार्यक्रम में आदिवासी जननायकों, राजा शंकरशाह, कुंवर रघुनाथशाह, रानी कमलापति, रानी दुर्गावती, टंट्याभील, भीमानायक, बिरसामुंडा सहित अन्य जननायकों के बारे में बताया। देश की आजादी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के बारे में जानकारी दी। सांसद श्री कुलस्ते ने बताया कि मध्यप्रदेश निर्माण के बाद प्रदेश में विभिन्न योजनाएं संचालित कर नागरिकों को इन योजनाओं से जोड़कर उन्हें लाभान्वित किया जा रहा है। म.प्र. के विकास और प्रगति के लिए लगातार निर्माण कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने कार्यक्रम में सभी से आव्हान किया कि म.प्र. की विकास और प्रगति के लिए सभी नागरिक अपना योगदान जरूर दें। आयोजित कार्यक्रम का संचालन अखिलेश उपाध्याय और कार्यक्रम का आभार मुख्य नगरपालिका अधिकारी गजानंद नाफड़े ने किया।