कर्नाटक विधानसभा चुनाव में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं: ऑपिनियन पोल
बेंगलुरु
कर्नाटक के चुनावी रण में शह और मात का खेल जारी है। बाजी किसके हाथ लगेगी, इसको लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है लेकिन ताजा ऑपिनियन पोल की मानें तो कर्नाटक में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिलने जा रहा है। लोकनीति-सीएसडीएस और एबीपी न्यूज के सर्वे के मुताबिक कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभर रही है।
सर्वे में बीजेपी के लिए राहत देने वाली बात यह है कि कांग्रेस के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का मास्टर स्ट्रोक बेअसर रहा है और लिंगायत वोट भारतीय जनता पार्टी के खाते में जाते दिखाई दे रहे हैं। पोल के मुताबिक कांग्रेस पार्टी को 97 सीटें, बीजेपी को 84, जेडीएस को 37 और अन्य को 4 सीटें मिलने के आसार हैं। सर्वे में शामिल लोगों के मुताबिक मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने अच्छा काम किया है जबकि बीजेपी सबसे भ्रष्ट पार्टी है।
एबीपी न्यूज के सर्वे के मुताबिक 38 फीसदी वोटों के साथ कांग्रेस को 92 से 102 सीटें मिल सकती हैं। बीजेपी को 33 प्रतिशत वोटों के साथ 79-89 सीटें मिल सकती हैं। सर्वे की मानें तो जेडीएस इस बार किंग मेकर की भूमिका में रहेगी और उसे 22 फीसदी वोटों के साथ 32-42 सीटें मिल सकती हैं। इस प्रकार कर्नाटक में अगली सरकार के गठन में जेडीएस की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण होने वाली है।
जेडीएस किंगमेकर की भूमिका में
इस तरह वोट शेयर में भी कांग्रेस अभी बीजेपी से आगे चल रही है। बता दें कि कर्नाटक में विधानसभा में 224 सीटें हैं और किसी भी पार्टी को सरकार बनाने के लिए 113 सीटों की जरूरत होगी। अगर बीजेपी के 84 और जेडीएस की 37 सीटों को मिला दिया जाए तो बीजेपी की राज्य में सरकार बन सकती है। इसी तरह से अगर कांग्रेस की 97 सीटों में जेडीएस की 37 सीटों को जोड़ दिया जाए तो कांग्रेस सत्ता में वापसी कर सकती है।
68 फीसदी लोग पीएम मोदी के कामकाज से संतुष्ट
सर्वे में शामिल 23 फीसदी लोगों ने कहा कि पीएम मोदी का कामकाज बहुत अच्छा और 45 फीसदी लोगों ने इसे अच्छा बताया। इस तरह से पीएम मोदी के कामकाज को करीब 68 प्रतिशत लोगों ने अच्छा बताया है। वहीं 72 फीसदी लोगों ने सिद्धारमैया के कामकाज की प्रशंसा की है। पोल में 44 प्रतिशत लोगों ने कहा कि बीजेपी सबसे भ्रष्ट पार्टी है जबकि कांग्रेस को 41 और जेडीएस को 4 फीसदी लोगों ने भ्रष्ट करार दिया।
सिद्धारमैया का लिंगायत कार्ड बेअसर
हालांकि राज्य में चुनाव ठीक पहले सिद्धारमैया सरकार के खेले गए लिंगायत कार्ड का कोई असर होता नहीं दिखाई दे रहा है। सर्वे की मानें तो 61 फीसदी लिंगायत वोटर बीजेपी के साथ हैं और 18 प्रतिशत ने कांग्रेस का समर्थन किया। जेडीएस को भी 11 प्रतिशत लिंगायत वोट मिल रहे हैं। बता दें, कर्नाटक में 12 मई को चुनाव होने वाले हैं और 15 मई को परिणाम आएंगे।