BJP राज में बना विश्वास, विकास एवं सुशासन का वातावरण: योगी
वाराणसी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सत्ता में आने के बाद देश-प्रदेश में विश्वास, विकास और सुशासन का वातावरण बनने का दावा किया। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से सरकारी विकास योजनाओं के बारे में जनता को जागरूक करने की अपनी नैतिक दायित्व निभाने की अपील की है।
योगी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय परिसर से जिला मुख्यालय तक आयोजित भाजपा की ‘कमल संदेश बाइक रैली’ को पार्टी का झंडा दिखाकर रवाना किया। इससे पहले मोटर साइकिल सवार हजारों कार्यकर्ताओं को संबोधित कर केंद्र एवं राज्य सरकार की उपलब्धियों की याद दिलाकर उनका उत्साह बढ़ाया। उन्होंने कार्यकर्ताओं को अपने नैतिक दायित्व याद दिलाते हुए उनसे केंद्र एवं राज्य सरकारों की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से अनुशासित तरीके जनता को जागरुक करने में अपना सक्रिय योगदान देने की अपील की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब जनता जागरुक करने पर अधिक से अधिक जोर दिया जाए क्योंकि इससे भ्रष्टाचार की सारी संभावना स्वत: ही समाप्त हो जाएंगी तथा जरूरतमंदों को शासन की तमाम योजनाओं का पूरा-पूरा लाभ मिलेगा। उन्होंने भाजपा एवं सरकार की नीतियों को नियमित तौर पर जनता तक पहुंचाने की बार-बार अपील की। उन्होंने मोदी के संसदीय क्षेत्र में विकास कार्यों की चर्चा करते हुए कहा प्रधानमंत्री के गत साढ़े 4 वर्षों एवं उनके (योगी) के करीब डेढ़ वर्षोँ के कार्यकाल में सड़क एवं बिजली समेत तमाम बुनियादी व्यवस्था दुरुस्त हुई हैं, जिससे देश-विदेश में काशी (वाराणसी) की अलग पहचान बन गई है। इसकी चर्चा चारों तरफ हो रही है।
रैली लहुराबीर, मलदहिया, गुलाब बाग, सिगरा, भारत माता मंदिर और पुन: मलदहिया चौराहा होते हुए वे जिला मुख्यालय पहुंचीं। रैली में भाजपा विधायक, पार्षद एवं पदाधिकारियों के अलावा बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं के शामिल हुए। रैली में शामिल कार्यकर्ता बेहद उत्साहित नजर आए। बड़ी संख्या में महिला कार्यकर्ता भी शामिल हुईं। भाजपा की रैली के कारण शहर के कई हिस्सों में घंटों यातायात व्यवस्था लगभग ठप रहा, जिससे राहगीरों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। मुख्यमंत्री एवं आला अधिकारियों की मौजूदगी में ज्यादातर कार्यकर्ता बिना हेल्मेट लगाए रैली में शामिल हुए जिससे पुलिस पर आरोप लगे कि उसने राजनीतिक दवाब में यातायात कानून तोड़ने वालों के सामने असहाय दिखी।