BUDGET 2019: इस बजट में गांव, गरीब, किसान और महिलाओं को मिलेंगे खास तोहफे?
नई दिल्ली
आज मोदी सरकार अपने कार्यकाल का आखिरी बजट अंतरिम बजट के रूप में पेश करने जा रही है। लोकसभा चुनाव के बेहद करीब होने की वजह से इस बजट के काफी लोकलुभावन होने की उम्मीद की जा रही है। सरकारी सूत्रों के हवाले से खबरें भी आ रही हैं कि इस बार सरकार बजट में गांव, गरीब, किसान और मिडल क्लास के लिए तोहफों की झड़ी लगाने जा रही है। आइए, देखते हैं आज क्या-क्या हो सकता है बजट में...
किसानों पर तोहफों की बारिश
पिछले कई दिनों से खबरें आ रही हैं कि सरकार इस बजट में किसानों का विशेष ध्यान रखेगी क्योंकि पिछले विधानसभा चुनावों में किसानों के आक्रोश का सामना करना पड़ा है। कहा जा रहा है कि आज के बजट में सरकार किसानों को सीधे लाभ पहुंचाने की योजना का ऐलान कर सकती है। योजना के तहत योग्य किसानों को सीधे खाते में निश्चित रकम दी जाएगी। ओडिशा और तेलंगाना की सरकारें अभी ऐसी योजना चला रही हैं। इसके अलावा, अंतरिम बजट में सरकार ग्राम विकास मंत्रालय का बजट बढ़ाकर 1.3 लाख करोड़ रुपये कर सकती है, जो वर्तमान वित्तीय वर्ष में 1.12 लाख करोड़ रुपये था। बजट परिचर्चा से जुड़े सूत्रों की ओर से यह जानकारी दी गई है।
टैक्स स्लैब में बदलाव की उम्मीद
सैलरीड क्लास टैक्स छूट की सीमा 2.5 लाख रु. से बढ़ाए जाने की उम्मीद कर रहा है। पिछले बजट में 2.5 लाख रु. प्रति वर्ष से 5 लाख रु. प्रति वर्ष की आय सीमा में आने वाले लोगों के लिए तत्कालीन 10% इनकम टैक्स रेट को घटाकर 5% कर दिया गया था। हो सकता है सरकार टैक्स छूट की सीमा को बढ़ाकर 3 लाख से पांच लाख रु. तक कर दे। पिछले बजट में 5 लाख रु. से 10 लाख रु. तक की आय सीमा में आने वाले लोगों का इनकम टैक्स रेट 20% ही रख दिया गया जिससे 5% के बाद 20% का यह टैक्स रेट काफी अधिक लगता है। हो सकता है सरकार इसमें कुछ राहत दे।
विशेषज्ञों का कहना है कि बजट में व्यक्तिगत आयकर छूट सीमा को मौजूदा ढाई लाख से बढ़ाकर तीन लाख रुपये किया जा सकता है जबकि 60 से 80 वर्ष की आयु वाले वरिष्ठ नागरिकों के लिए इसे साढ़े तीन लाख रुपये तक बढ़ाया जा सकता है। महिलाओं की भी साढे़ तीन लाख रुपये तक की सालाना आय को करमुक्त किया जा सकता है।
LTCG हटाने और 80C की सीमा बढ़ाने की मांग
पिछले साल के बजट में एक फाइनैंशल इयर में म्यूच्यूअल फंड से 1 लाख रु. से अतिरिक्त मुनाफे पर 10% LTCG टैक्स लगाया गया था। लोगों को उम्मीद है कि सरकार इस सीमा पर फिर से गौर करेगी और छोटे- छोटे निवेशकों की बढ़ती आबादी को लाभ पहुंचाने के लिए इसमें संसोधन करेगी। सरकार लोगों को म्यूच्यूअल फंड में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए ELSS के लिए 80C से हटकर एक अलग कटौती का इंतजाम भी कर सकती है। लाइफ इंश्योरेंस लेने वाले लोगों की संख्या अभी भी बहुत कम है, इसलिए सरकार को लोगों को टर्मइंश्योरेंस खरीदने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए टर्म लाइफ इंश्योरेंस के लिए 80C से हटकर एक अलग टैक्स कटौती की व्यवस्था करने के बारे में सोचना सकती है।
मिनिमम इनकम गारंटी
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने छत्तीसगढ़ में आयोजित किसान सम्मेलन में मिनिमम इनकम गांरटी का वादा किया था। ऐसे में कयास यह लगाए जा रहे हैं गरीब बेरोजगारों को हर महीने एक तयशुदा रकम दिए जाने वाली इस योजना का ऐलान इसी बजट में होने जा रहा है। हालांकि, यह देखना दिलचस्प होगा कि कार्यवाहक वित्त मंत्री पीयूष गोयल अपने बजट भाषण में इसकी क्या रूपरेखा पेश करते हैं। वैसे एक आकलन के मुताबिक, देश के सबसे गरीब 25% परिवारों के हरेक सदस्य को न्यूनतम तयशुदा आय मुहैया कराने में सरकारी खजाने पर 7 लाख करोड़ का बोझ पड़ेगा।
वरिष्ठ नागरिक
इस बार बुजुर्ग नागरिकों को सेक्शन 80DDB के तहत कुछ विशेष गंभीर बीमारियों के इलाज पर खर्च के लिए टैक्स छूट की मौजूदा 1 लाख रुपये की सीमा बढ़ाने की उम्मीद है। साथ बुजुर्ग नागरिक 65, 70 और 75 वर्ष की आयु में मूल पेंशन में वृद्धि की भी उम्मीद कर रहे हैं। यदि सरकार गंभीर बीमारियों के लिए छूट सीमा को 1 लाख रु. से बढ़ा दे तो यह कैंसर, मोटर न्यूरॉन संबंधी बीमारी, एड्स जैसी गंभीर बीमारियों के लिए इलाज के खर्च के लिए मार्केट रेट के हिसाब से इंश्योरेंस लेने में काफी मदद मिलेगी। सरकार को रिटायर्ड लोगों को अपनी सेहत और अन्य जरूरतों के लिए पैसे बचाकर रखने में मदद करने के लिए 4% हेल्थ और एजुकेशन सेस को कम करने की भी घोषणा कर सकती है।
बजट में महिलाओं का हिस्सा
सूत्रों के मुताबिक, इस बार सरकार 'आंगनवाड़ी' और 'पोषण अभियान' के लिए बड़ा बजट आवंटित कर सकती है। उम्मीद की जा रही है कि सरकार 26 हजार करोड़ रुपये का बजट आंगनवाड़ी वर्कर्स की सैलरी के लिए दे सकती है। ग्रोसरी की कीमत घटने से लेकर सोने के वस्तुओं की कीमत में कमी तक महिलाएं बजट से उम्मीद रखती हैं।
सस्ता हो एजुकेशन लोन
एजुकेशन लोन पर दिए गए इंट्ररेस्ट अमाउंट पर सेक्शन 80E के तहत टैक्स छूट मिलता है। 2006 में इसकी शुरुआत से इसमें अभी तक कोई बदलाव नहीं किया गया है। पिछले 10 साल में पढ़ाई के खर्च में हुई बढ़ोतरी को ध्यान में रखते हुए इसकी टैक्स छूट सीमा को बढ़ाने की जरूरत है ताकि लोन वालों को लम्बे समय में थोड़ी टैक्स राहत मिल सके।
व्यापारी समूह
छोटे व्यापारियों को उम्मीद है कि मंडी शुल्क हटाया जाए। इसके अलावा बड़े व्यापारियों को जीएसटी में राहत की उम्मीद है।