कांगेसी लड़ाकों ने ठोकी दावेदारी

rajesh dwivedi सतना। चुनाव नजदीक हैं, कांग्रेस को सत्ता लानी है और नेताओं को विधानसभा जाना है। समस्या टिकट की है, जो यूं ही नहीं मिल जाएगी। यहां तो कलेवर के साथ ग्लैमर भी दिखाना होगा, आलाकमान को खुश करना होगा, और नेताओं को भी नमस्कर कर उनका चमत्कार लेना होगा। किसी को लाविंग के लिए तो किसी को इसलिए खुश रखना होगा कि कहीं उनके पैजामे में दूसरे का पैर न डाल दिया जाए। इन दिनों कांग्रेस में ऐसी ही होड़ मची हुई है। सतना में शनिवार को भी कुछ नजारे ऐसे दिखे जो सालों बाद देखने को मिलते हैं। कलपदार कुर्ते के साथ दोनों हाथ भरे थे। किसी में दो-तीन स्मार्ट फोन तो किसी हाथ में मोटी फाइल। पूरे साजो-सामान के साथ ये कांग्रेसी लड़ाके अपना दावा ठोंकने जा रहे थे कि विधानसभा की टिकट कि हम असल हकदार हैं। वो अलग बात है कि हर कोई अपने को प्रमुख ही मान रहा था। दावेदारों में ऐसे भी लोग थे जो बीजेपी-बसपा से शिकस्त खा चुके हैं, तो कुछ ऐसे भी थे जो बरसात के समय ही निकलते हैं। कुल मिलाकर प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया के सामने सतना के दावेदारों की खूब रायशुमारी शनिवार को शहर कांग्रेस कार्यालय व सर्किट हाउस में भी की गई। अपना वजूद नहीं, दूसरे की लॉविंग कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव व मध्यप्रदेश के प्रभारी दीपक बावरिया के सामने कुछ ऐसे भी कांग्रेसी थे जो दावेदारों को श्री बावरिया से मिलवा रहे थे और उनकी लॉविंग भी करते नजर आए। ये ऐसे नेता थे जिनका अपना खुद का कोई वजूद नहीं है। कांग्रेस कार्यालय में ये चर्चा का विषय बना रहा। नेता एक -दूसरे की खिंचाई कानाफूसी के जरिए करते रहे। फाइलों में अखबारों की कटिंग कांग्रेसी दावेदारों की फाइलें पारदर्शी नहीं थी। कोई भी लड़ाका मिल्की फाइल में अपनी दावेदारी करने नहीं आया। वजह भी साफ थी क्योंकि अपनी बचानी है और दूसरे की बाहर लानी है। लिहाजा कोई पहले ही न देखे इसलिए फाइलें गाढ़े रंग में या फिर काली नजर आर्इं, क्योंकि पार्टी भले अपनी हो लेकिन टिकट के मामले में तो विरोधी ही है, और काली फाइल में अपने कम्पटीटर की करतूतें भी छिपा कर दीपक बावरिया को दावेदारों ने सम्मिट कर दी। फाइलों में सबसे ज्यादा कुछ था तो बड़े नेताओं के साथ खिंचाई हुई फोटो कभी पार्टी के पक्ष में जिंदाबाद तो कभी सरकार के विरोध में मुर्दाबाद के लगाए नारों के बारे में अखबारों में छपी खबरों की कटिंग थी। समर्थक भी साथ ले गये कि कहीं पीछे से कोई यह न कह दे कि इसकी गाड़ी में बैठने वाला भी कोई नहीं है। ... और कर दिया मूड आफ दीपक बावरिया ने कुछ लड़ाकों का तो एक ही लाइन में मूड आॅफ कर दिया। पहले दावेदारी करवाई और बाद में सब खत्म कर दिया। दरअसल सर्किट हाउस में प्रेसवार्ता के दौरान बावरिया ने यह कहकर नेताओं की उम्मीदों पर पानी फेर दिया कि सिटिंग एमएलए की टिकट नहीं काटी जाएगी और ये अधिकृत बयान हैं। बावरिया के मुंह से निकली ये लाइन बहुतों की उम्मीदों में पानी फेर दिया। खासकर नागौद, अमरपाटन वाले नेताओं के मुंह लटक गए। यूं तो अमरपाटन से किसी ने दावेदारी तो नहीं की। खबरें यह भी थी कि दादाभाई के सामने कोई हिम्मत नहीं जुटा रहा, पर कांग्रेसी पूर्व जिलाध्यक्ष दिलीप मिश्रा को अमरपाटन से दावेदार मान रहे हैं। कौन कहां से? सतना विधानसभा कांग्रेस की टिकट से भोपाल जाने के लिए सतना विधानसभा से पीसीसी सदस्य मनीष तिवारी, उर्मिला त्रिपाठी, सुधीर सिंह तोमर, पूर्व मंत्री सईद अहमद, सिद्धार्थ कुशवाहा, राजाराम त्रिपाठी, राजभान सिंह राज, लोकसभा अध्यक्ष राजदीप सिंह मोनू, रवीन्द्र सिंह सेठी व रामकुमार तिवारी ने अपना दावा ठोंका है। रामपुर बाघेलान यूं तो रामपुर बाघेलान में कांग्रेस की बड़ी शर्मनाक हार हुई थी। अबकी यहां पंजा लहराने बालेश त्रिपाठी, अजीत पटेल, केपीएस तिवारी, गेंदलाल पटेल, कमलेन्द्र सिंह कमलू, रमेश द्विवेदी व रमाशंकर पयासी के अलावा उर्मिला त्रिपाठी को इस सीट से भी टिकट का इंतजार है। मैहर मैहर विधानसभा में हर नेता के अलग-अलग समर्थक हैं। कोई सिंधिया तो कोई कमलनाथ, तो कोई अजय सिंह का करीबी है। यहां से श्रीकांत चतुर्वेदी, मनीष पटेल, धर्मेश घई, मनीष तिवारी, महेन्द्र पटेल, ओमबाला सिंह व गौरव चौरसिया के नाम सामने आए। रैगांव रैगांव से कांग्रेस लगातार हार रही है, फिर भी उम्मीद लेकर महिला नेत्री कल्पना वर्मा, प्रभा बागरी आगे रहीं, जबकि हारे हुए प्रत्याशी गया बागरी, प्रागेन्द्र बागरी के अलावा मनोज बागरी बबलू ने भी अपना दावा ठोंका। चित्रकूट चित्रकूट से नीलांशु चतुर्वेदी, संजय सिंह, दीपक त्रिपाठी, युकां नेता बद्री पाण्डेय, राजेन्द्र त्रिपाठी किटहा व गीता सिंह पगार। नागौद नागौद से यादवेन्द्र सिंह, जयनारायण सिंह जाखी, अतुल सिंह परिहार, धीरेन्द्र सिंह छोटे व नागेश मिश्रा।