DU: कटऑफ के बाद दाखिले के लिए मिल सकता है 3 दिन से ज्यादा समय
नई दिल्ली
इस साल से दिल्ली यूनिवर्सिटी में दाखिले संबंधित बड़े बदलाव हो सकते हैं। इन बदलावों में से एक दाखिले के लिए छात्रों को ज्यादा समय मिलना शामिल है। डीयू अब कटऑफ लिस्ट जारी होने के बाद दाखिले के लिए 3 दिन से ज्यादा समय दे सकता है। दरअसल डीयू ने अपनी दाखिला प्रक्रिया को और बेहतर बनाने के लिए अभिभावकों और छात्रों से सुझाव आमंत्रित किए थे। बड़ी संख्या में छात्रों और अभिभावकों ने डीयू के पोर्टल पर अपने ऑनलाइन सुझाव दिए। उनमें से एक सुझाव यह था कि दाखिले के लिए मिलने वाले समय को बढ़ाया जाए। अगर कटऑफ लिस्ट जारी होने के बाद 3 से ज्यादा दिन का समय होगा, तो दिल्ली के बाहर के छात्रों को आसानी होगी।
स्टूडेंट्स वेलफेयर कमिटी के डीन राजीव गुप्ता ने बताया, 'डीयू की ओर से अकसर एक ऑनलाइन सर्वे किया जाता है। उस सर्वे में अभिभावक एवं छात्र अपने विचार रख सकते हैं। उनके कुछ सुझावों पर यूनिवर्सिटी की दाखिला कमिटी गौर करती है।' गुप्ता 2019 दाखिला कमिटी के अध्यक्ष भी हैं।
पिछले एक महीने में बड़ी संख्या में अभिभावक ने अपने सुझाव दिए हैं। उन्होंने अपना नाम जाहिर नहीं किया है। यूनिवर्सिटी के एक वरिष्ठ सदस्य ने कहा, 'कुछ लोगों की मांग है कि पहली कटऑफ जारी होने और दाखिले के बीच काफी समय मिलना चाहिए।' अन्य सुझाव में एक था कि छात्रों को विभिन्न कॉलेजों में आवेदन के लिए 3 दिन से ज्यादा समय दिए जाए ताकि दिल्ली के बाहर के छात्रों को ज्यादा समय मिले। इन दो सुझावों पर कमिटी गौर कर रही है। कमिटी ने पहले ही घोषणा की थी कि इस साल पांच या छह से ज्यादा कटऑफ लिस्ट जारी नहीं होगी।
फर्जी मार्कशीट को लेकर सुझाव
इस साल डुसू के अध्यक्ष अंकिव बसोया फर्जी मार्कशीट मामले में आरोपी पाए गए हैं। इस हाईप्रोफाइल मामले के बाद फर्जी दस्तावेजों का मामला चर्चा में रहा है। लोगों ने इस फर्जीवाड़े को रोकने को भी सुझाव दिए हैं। कुछ अभिभावकों ने सुझाव दिए हैं कि ऑनलाइन आवेदन में ही इसको लेकर छात्रों को चेताया जाए। उन्होंने मांग की है कि आवेदन के बीच एक बॉक्स में फर्जीवाड़े की स्थिति में होने वाली कार्रवाई का उल्लेख किया जाए।
कुछ अभिभावकों ने एससी, एसटी और ओबीसी छात्रों के दाखिले से जुड़े सुझाव भी दिए हैं। उन्होंने मांग की है कि इन छात्रों के लिए एक केंद्रीकृत दाखिला प्रक्रिया अपनाई जाए।
डीयू को मिले कुछ खास सुझाव इस तरह से हैं...
दाखिले के लिए फर्जीवाड़े और अनुचित तरीके अपनाने को लेकर ऑनलाइन ऐप्लिकेशन में चेतावनी दी जाए।
12वीं क्लास और प्रवेश परीक्षा, दोनों के अंकों पर गौर किया जाए।
आवेदन प्रक्रिया आसान हो। कुछ ने पहले से पंजीकरण के प्रावधान की मांग की।
छात्रों को सिर्फ तीन बार ही विषय और कॉलेज बदलने की अनुमति हो।
अगर लैंग्वेज कोर्स के लिए कोई छात्र आवेदन करता है तो 12वीं में उसने जरूर किसी लैंग्वेज की पढ़ाई की हो।
छात्रों के लिए काउंसिलिंग का आयोजन हो। कुछ छात्र कन्फ्यूज होते हैं कि कौन सा कोर्स और कौन से कॉलेज में दाखिला लिया जाए। उनको इससे मदद मिलेगी।
फाइनल लिस्ट आने और क्लास शुरू होने के बाद किसी छात्र को भी कॉलेज बदलने की अनुमति नहीं मिले।
डीयू छात्रों को अपने सर्टिफिकेट्स रखने के लिए डिजिटल लॉकर्स मुहैया कराए। उनको असल सर्टिफिकेट्स जमा करने की जरूरत नहीं हो।