भोपाल। बीजेपी हमेशा से ही कांग्रेस पर वंशवाद का आरोप लगाती आई है, लेकिन आगामी लोकसभा चुनाव में कहीं न कहीं बीजेपी में भी वंशवाद देखने को मिल सकता है। कयास लगाए जा रहे हैं कि विदिशा से पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पत्नी साधना सिंह को मैदान में उतारा जा सकता है। वहीं नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव के बेटे अभिषेक भार्गव भी लोकसभा चुनाव लड़ने की दावेदारी जता चुके हैं।

विधानसभा चुनाव में कार्यकर्ताओं की नाराजगी और निष्क्रियता के चलते हार का मुंह देख चुकी बीजेपी को एक बार फिर लोकसभा चुनाव में कार्यकतार्ओं की नाराजगी को झेलना पड़ सकता है। दरअसल लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी में वंशवाद दिखाई दे सकता है। बात करें विदिशा लोकसभा सीट की तो फिलहाल सबसे ऊपर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पत्नी साधना सिंह का नाम है। माना जा रहा है कि साधना सिंह को ही विदिशा लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया जाएगा। वहीं नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव के बेटे अभिषेक भार्गव भी लोकसभा के लिए दावेदारी जता चुके हैं। इसके अलावा लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन अगर चुनाव नहीं लड़ती हैं तो उनके बेटे को उम्मीदवार बनाए जाने के भी आसार नजर आ रहे हैं। हालांकि बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह का कहना है कि बीजेपी में वंशवाद हावी नहीं है योग्यता और जिताऊ चेहरों को ही लोकसभा में उम्मीदवार बनाया जाएगा।
कांग्रेस में भी वंशवाद
वहीं कांग्रेस में वंशवाद हमेशा से देखा गया है। बात करें मुख्यमंत्री कमलनाथ की तो कमलनाथ की जगह अब उनके बेटे नकुलनाथ को लोकसभा का चुनाव लड़ाया जा सकता है। इसके अलावा कई ऐसे चेहरे हैं, जिनके बाद उनके परिवार के सदस्यों को विधानसभा हो या लोकसभा चुनावी मैदान में उतारा गया है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि बीजेपी हमेशा से कांग्रेस पर वंशवाद का आरोप लगाती है, लेकिन मध्यप्रदेश में सुरेंद्र पटवा विश्वास सारंग और कई ऐसे नेता हैं, जिनके बच्चे उनकी जगह चुनाव लड़ चुके हैं और अब लोकसभा में भी यही हाल देखने को मिलेगा। विधानसभा चुनाव में भी वंशवाद के चलते कई ऐसे नेताओं को टिकट नहीं दिया गया था जो बीजेपी को जीत दिला सकते थे। यही वजह थी कि कार्यकर्ता नाराज हुए और बीजेपी के हाथ से सत्ता चली गई। ऐसा ही अगर लोकसभा में होता है तो कहीं न कहीं यह बीजेपी के लिए मुश्किलें भी खड़ी कर सकता है।