GCF अफसर खाटुआ के ऑफिस में मिले दलालों के नाम-पते, 5 फरवरी को बरामद हुई थी लाश

GCF अफसर खाटुआ के ऑफिस में मिले दलालों के नाम-पते, 5 फरवरी को बरामद हुई थी लाश

जबलपुर 
जबलपुर की जीसीएफ के जूनियर वर्क्स मैनेजर एस सी खाटुआ हत्याकांड में बड़ा खुलासा हुआ है. पुलिस ने खुलासा किया है कि खाटुआ के दफ़्तर और घर पर सीबीआई छापे में कई लोगों और एजेंसियों के नाम मिले थे.

एस सी खाटुआ, धनुष तोप में चीनी कलपुर्जे इस्तेमाल केस में सीबीआई जांच के दायरे में थे. धनुष तोप, बोफोर्स तोप का स्वदेशी संस्करण है. इसमें जर्मनी में बने कलपुर्जों का इस्तेमाल बताकर चीनी कलपुर्जे लगाए गए थे. सुरक्षा संस्थान में किए गए इस बड़े घोटाले में दिल्ली की एक एजेंसी का नाम भी आया था.

मामले की सीबीआई जांच बैठायी गयी थी. 10 जनवरी को उसी सिलसिले में सीबीआई ने खाटुआ के दफ़्तर और ऑफिस पर छापा मारा था. उसके बाद 17 जनवरी से खाटुआ रहस्यमय हालात में लापता हो गए थे. 5 फरवरी को उनकी लाश पाटबाबा में पत्थर की खदानों में पड़ी मिली थी. उनकी हत्या की गयी थी. खाटुआ के सिर में गहरी चोट थी.

जबलपुर पुलिस अधीक्षक अमित सिंह ने बताया कि सीबीआई छापे में खाटुआ के घर और दफ्तर से कई प्राइवेट एजेंसियो के नाम मिले थे. उनके दलाल लगातार खाटुआ के संपर्क में थे.

इस हाईप्रोफाइल मामले में दलालों के नाम सामने आने से अब कई सवाल खड़े हो रहे हैं. पुलिस अब इन दस्तावेजों के आधार पर उस दलाल पर नज़र बनाए हुए है जो लगातार खाटुआ के संपर्क में था. पुलिस अधीक्षक ने एक और खुलासा किया है. खाटुआ लंबे समय से जीसीएफ के प्रोविजन सेक्शन में पदस्थ थे इसलिए धनुष तोप की खरीदी और सेना के बाकी उपकरणों की ख़रीद के सिलसिले में कई प्राइवेट एजेंसियां और दलाल उनके संपर्क में रहते थे. अब ये सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या एस सी खाटुआ, दलालों के चंगुल में फंसे हुए थे? पुलिस अब तमाम पहलुओं की जांच कर रही है.