भाजपा कांग्रेस को बड़ा झटका, चुनाव प्रचार पर हाईकोर्ट ने सुनाया ये फैसला
जबलपुर
मप्र हाईकोर्ट ने उस जनहित याचिका पर गंभीरता दिखाई है, जिसमें विधानसभा चुनाव के प्रचार में उम्मीदवारों द्वारा फ्लैक्स, पीवीसी प्लास्टिक के उपयोग पर आपत्ति जताते हुए इस पर रोक लगाने की मांग की गई। जस्टिस पीके जायसवाल व जस्टिस बीके श्रीवास्तव की डिवीजन बेंच ने राज्य सरकार के मुख्य सचिव, राज्य के चुनाव आयुक्त, पर्यावरण, वन तथा पर्यावरण परिवर्तन विभाग प्रमुख सचिव को नोटिस जारी कर एक सप्ताह में स्पष्टीकरण मांगा है।
चुनाव प्रचार में क्यों इस्तेमाल हो रहे पीवीसी, फ्लैक्स बैनर
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार व मुख्य चुनाव आयुक्त से पूछा, नोटिस जारी कर मांगा जवाब
सरकार ने कैरीबैग किए प्रतिबंधित :
कृषि उपज मंडी दमोह रोड निवासी संजीव पांडे ने यह याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार द्वारा 2004 में लागू अधिनियम की धारा 3 के तहत रिसाइकिल किए जा सकने वाले प्लास्टिक के 25 माइक्रोन व रिसाइकल न किए जा सकने योग्य प्लास्टिक के 20 माइक्रोन से अधिक मोटाई वाले कैरी बैग्स, कंटेनरों पर प्रतिबंध था। बाद में राज्य सरकार ने 2017 को अधिसूचना जारी कर इसे संशोधित कर दिया। अब उक्त मोटाई के बिना हैंडिल वाले प्लास्टिक बैग्ज का उत्पादन, भंडारण, परिवहन, क्रय व विक्रय प्रतिबंधित है। लेकिन चुनाव प्रचार में विभिन्न राजनीकि दलों के व निर्दलीय प्रत्याशियों द्वारा व्यापक पैमाने पर फ्लैक्स, पीवीसी (पॉली विनाइल क्लोराइड) जैसे नॉन बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक का उपयोग बैनर, पोस्टर व अन्य प्रचार सामग्री के लिए किया जा रहा है।
वरिष्ठ अधिावक्ता नमन नागरथ व अधिवक्ता हिमांशु मिश्रा ने कोर्ट को बताया कि यह न केवल पर्यावरण बल्कि मानव के लिए भी खतरनाक हैं। इनसे कैंसर तक होने का खतरा रहता है। लिहाजा इस पर प्रतिबंध लगाया जाए। प्रारंभिक सुनवाई के बाद कोर्ट ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब तलब कर लिया। अगली सुनवाई 22 नवंबर को होगी।