संस्थागत क्वारेंटाईन बढ़ाएं, कंटेनमेंट क्षेत्र में व्यवस्थायें और प्रभावी बनाएं - मुकेश चन्द्र गुप्ता

संस्थागत क्वारेंटाईन बढ़ाएं, कंटेनमेंट क्षेत्र में व्यवस्थायें और प्रभावी बनाएं - मुकेश चन्द्र गुप्ता

संस्थागत क्वारेंटाईन बढ़ाएं, कंटेनमेंट क्षेत्र में व्यवस्थायें और प्रभावी बनाएं - मुकेश चन्द्र गुप्ता

आयुक्त एवं जिले के प्रभारी कोरोना नियंत्रण ने प्रशासन की तैयारियों की समीक्षा

increase-institutional-quarantine-make-arrangements-and-effective-in-the-container-sector-mukesh-chandra-gupta Syed Javed Ali मण्डला - आयुक्त कोष एवं लेखा तथा कोरोना नियंत्रण के लिए जिले के प्रभारी मुकेश चन्द्र गुप्ता ने योजना भवन में कोरोना संकट के दौरान जिला प्रशासन द्वारा की गई व्यवस्थाओं की विस्तार से समीक्षा की। बैठक में उन्होंने कहा कि प्रदेश और जिले में बढ़ रहे कोरोना मामलों को देखते हुए जिले में लिए जाने वाले सेम्पलों की संख्या बढ़ाए जाएं। बाहर से आने वाले प्रवासियों का सेम्पल लेते हुए उन्हें संस्थागत क्वारेंटाईन सेंटर में रखें। उन्होंने कहा कि होम क्वारेंटीन का उल्लंघन करने वालों पर कार्यवाही सुनिश्चित करें। इसी प्रकार संस्थागत क्वारेंटीन सेंटर में आगामी चुनौतियों से निपटने सभी जरूरी इंतजाम पुख्ता रखें। श्री गुप्ता ने कलेक्टर हर्षिका सिंह को कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को दृष्टिगत रखते हुए जिले में संस्थागत क्वारेंटीन सेंटर की और अतिरिक्त व्यवस्था और भवन चिन्हित करने के निर्देश दिए। बैठक में जिला पंचायत सीईओ तन्वी हुड्डा, एडीएम मीना मसराम, सीएमएचओ डॉ. श्रीनाथ सिंह सहित स्वास्थ्य एवं प्रशासन के संबंधित अधिकारी उपस्थित थे। श्री गुप्ता ने बैठक में प्रशासन द्वारा कोरोना नियंत्रण के लिए की गई व्यवस्थाओं की विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने जिला चिकित्सालय, कोरोना केयर सेंटर तथा चटुआमार सेंटर की व्यवस्थाओं पर बात की। बैठक में उन्होंने वर्तमान में जिले में उपलब्ध बिस्तरों की संख्या तथा आगामी दिनों के लिए की जा रही व्यवस्था पर चर्चा की। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग द्वारा अब तक लिए गए सेम्पल, प्रतिदिन लिए जा रहे सेम्पल्स, सर्वे टीम तथा सेम्पल्स की प्रतिदिन आने वाली रिपोर्ट के बारे में आंकड़ेवार जानकारी मांगी। उन्होंने जिले में गठित आरआरटी तथा एमएमयू टीम के बारे में पूछताछ की। प्रभारी सचिव ने आयुष विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यों की समीक्षा करते हुए उन्हें समय-समय पर प्रशिक्षण देने के निर्देश दिए। बैठक में उन्होंने प्रवासियों की जानकारी, उनके सेम्पल्स तथा होम तथा संस्थागत क्वारेंटाईन किए गए लोगों की संख्या पर जरूरी निर्देश दिए। श्री गुप्ता ने संक्रमित मरीजों की स्थिति और उनके प्रथम संपर्क में आने वाले व्यक्तियों की जांच के बारे में भी विस्तृत चर्चा की। कंटेनमेंट क्षेत्र की व्यवस्थाओं को सुदृढ़ बनाएं - आयुक्त एवं प्रभारी कोरोना नियंत्रण श्री गुप्ता ने जिले में अब तक बनाए गए कुल कंटेनमेंट क्षेत्रों के बारे में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि कंटेनमेंट क्षेत्र मे शासन के निर्देशानुसार सभी व्यवस्थाएं पुख्ता रखें। प्रशासन कंटेनमेंट क्षेत्र में जरूरी व्यवस्थाएँ की अपूर्ति बनाए रखने व्यवस्था बनाएं। श्री गुप्ता ने कंटेनमेंट एरिया के लोगों को सोशल डिस्टेसिंग का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए। उन्हांेने कहा कि यह प्रयास करें कि कंटेनमेंट क्षेत्र ज्यादा बड़े न होकर छोटे बनाएं ताकि क्षेत्र के लोगों के स्वास्थ्य और उनके संपर्क पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा गहन निगरानी की जा सके। उन्होंने कंटेनमेंट एरिया के बफर जोन के बारे में भी विस्तार से चर्चा की। श्री गुप्ता ने जिले में संचालित फीवर क्लिनिक के बारे में जाना। उन्होंने फीवर क्लिनिक में प्रतिदिन की जा रही जांचों के बारे में जानकारी ली। आयुक्त ने फीवर क्लिनिक के माध्यम से मिले संदिग्ध मरीजों के बारे में चर्चा करते हुए जरूरी निर्देश दिए। कलेक्टर हर्षिका सिंह ने ब्लॉक स्तर पर कोरोना केयर सेंटर एवं संस्थागत क्वारेंटाईन के लिए चिन्हित किए जा रहे भवनों एवं रणनीति के बारे में विस्तार से जानकारी दी। किल कोरोना अभियान की हुई समीक्षा - बैठक में 1 जुलाई से 15 जुलाई तक संचालित हुए किल कोरोना अभियान की भी समीक्षा की गई। उन्होंने अभियान के लिए लगाई गई सर्वे टीम, चिन्हित परिवार तथा कोविड सेम्पल के बारे में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि सर्वे में मिले संदिग्ध मरीजों के स्वास्थ्य पर निगरानी बनाए रखें। उन्होंने जिले में मलेरिया नियंत्रण के लिए की गई व्यवस्था की रिपोर्ट भी मांगी। उन्होंने कहा कि जिले में मच्छरदानी वितरण और संवेदनशील क्षेत्रों में कीटनाशक छिड़काव लगातार जारी रखें। उन्होंने किल कोरोना अभियान में चिन्हित टीकाकरण योग्य बच्चों का जल्द से जल्द टीकाकरण पूरा करने के निर्देश दिए। बैठक में कोरोना नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य विभाग को जरूरी सामग्रियों की आवश्यकता और उपलब्धता पर भी चर्चा की गई।