जानिए क्यों आतंकियों के लिए क्यों फेवरेट है IED विस्फोटक

जानिए क्यों आतंकियों के लिए क्यों फेवरेट है IED विस्फोटक
 नई दिल्ली, ऑपरेशन ऑल आउट के तहत जम्मू-कश्मीर में लगातार आतंकियों को ढेर किया जा रहा है. जिससे सीमा पार बैठे आतंकियों के आका बौखला गए हैं. सेना के जवानों ने एक तरह से जम्मू-कश्मीर में जैश-ए-मोहम्मद की कमर तोड़ दी है. एक-एक कर जैश के आतंकियों को मार गिराया गया है. जानकारों की मानें तो पुलवामा में हुए आतंकी हमले जैश-ए-मोहम्मद की बौखलाहट को दर्शाता है. दरअसल, पुलवामा में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने (Improvised Explosive Device) यानी IED ब्लास्ट के जरिये हमले को अंजाम दिया. देश में यह पहला IED हमला नहीं है. आतंकियों ने इससे पहले भी कई IED के जरिये हमले को अंजाम दिया है. दरअसल, आतंकी बड़े पैमाने पर नुकसान के लिए IED ब्लास्ट को अंजाम देता है. 2016 में पठानकोट एयरबेस में आतंकियों ने IED ब्लास्ट के जरिये ही वारदात को अंजाम दिया था, जिसमें बड़े पैमाने पर लोग घायल हुए थे. कितना खतरनाक होता है IED ब्लास्ट? IED भी एक तरह का बम ही होता है, लेकिन यह मिलिट्री के बमों से कुछ अलग होता है. आतंकी IED का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर नुकसान के लिए करता है. IED ब्लास्ट होते ही मौके पर अक्सर आग लग जाती है, क्योंकि इसमें घातक और आग लगाने वाले केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है. खासकर आतंकी सड़क के किनारे IED को लगाते हैं, ताकि इसके पांव पड़ते या गाड़ी का पहिया चढ़ते ब्लास्ट हो जाता है. IED ब्लास्ट में घुआं भी बड़ी तेजी से निकलता है.