मौला....मौला की आवाज़ से गूंजा मजार-ए-नजमी परिसर
brijesh parmar
उज्जैन। 'हमें हमना थोड़ा टाइम पहला उज्जैन ज़ियारत वास्ते आया था, फिर आजे आया छे। इंसाअल्लाहजल्दी जियारत नसीब थायी। इन्दौर मां मोहर्रम वास्ते आया छे। मोहर्रम नी शुदुआत उज्जैन सी दुआतोनी ज़ियारत करी ने करिये छे। उज्जैन न मोमीन घनी करामत सी खिदमत करे छे। खुदा हमने वारम्वारउज्जैन नी ज़ियारत नसीब करे।

उक्त उद्गार बोहरा समाज के 53वें धर्मगुरु हिजहोलिनेस डॉ. सैयदना आली कदर मुफद्दल सैफुद्दीन(तउश) ने मजार-ए-नजमी में जियारत के पश्चात अपने आशीर्वचन में दिये।धर्मगुरू गुरूवार को सुबह ट्रेन से उज्जैन पहुंचे ।स्थानीय रेलवे स्टेशन पर उनका मंत्री पारस जैन की अगुवाई में स्वागत करते हुए अगवानी की गई।
आपने इस दौरान इमाम हुसैन (स.अ.) की शहादत की जिक़र की। उस दौरान सभी की आंखे आंसू से नमहो गई और या हुसैन की सदा से पूरा परिसर गूंज उठा।
सैयदना साहब (तउश) सुबह 7 बजकर 25 मिनट पर अवंतिका एक्सप्रेस से उज्जैन तशरीफ लाये। जैसे हीप्लेट फार्म पर ट्रेन आयी 'मौला..मौला मुफद्दल मौला... की आवाज़ से रेलवे स्टेशन परिसर गूंजने लगा।आपकी आगवानी प्रदेश के ऊर्जा मंत्री पारस जैन, महापौर मीना जोनवाला, उज्जैन शहर आमिल इसहाकभाई साहब, ताहेर भाई साहब, सैफी मोहल्ला आमिल साहब शेख अली असगर, हकीमी मोहल्ला आमिलसाहब शेख अब्बास भाई, इब्राहिम मोहल्ला आमिल साहब शेख इब्ने मदयन भाई, मजारे नजमी के मैनेजरशेख खोजेमा भाई, अस्टिेंट मैनेजर शेख मुर्तजा भाई ने की। रेलवे स्टेशन पर कांग्रेस नेता विक्की यादव नेसैयदना साहब को गुलदस्ता भेंट किया। इस मौके पर शेख मोहसीन भाई मर्चेन्ट, शेख असगर भाईमर्चेन्ट, शेख इस्माईल भाई बड़वाह वाला आदि विशेष रूप से मौजूद थे।
आप रेलवे स्टेशन से कार के काफिले के साथ कमरी मार्ग स्थित मजार-ए-नजमी बिल्डिंग पहुंचे। जहांकुछ समय रुकने के पश्चात जियारत के लिए पधारे। मजार-ए-नजमी बिल्डिंग में प्रदेश के सहकारिताराज्यमंत्री विश्वास सारंग ने भेंट की। इस मौके पर मुख्यमंत्री जनकल्याण प्रकोष्ठ के संयोजक मुल्लामुर्तजा अली बड़वाह वाला मौजूद थे। करीब दो घंटे यहां रहने के बाद आप सड़क मार्ग से इंदौर रवाना हो गए।
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