मुस्लिमों को स्‍वयं राम जन्‍मभूमि हिंदुओं को सौंप चाहिए: स्वरूपानंद सरस्वती

मुस्लिमों को स्‍वयं राम जन्‍मभूमि हिंदुओं को सौंप चाहिए: स्वरूपानंद सरस्वती

राम के जन्‍म स्‍थान में परिवर्तन संभव नहीं है और मंदिर बनना भी तय है

वाराणसी, काशी में चल रही धर्म संसद के अंतिम दिन मंगलवार को बतौर परम धर्माधीश शंकराचार्य स्‍वामी स्‍वरूपानंद सरस्‍वती ने कहा कि मुस्लिमों को स्‍वयं राम जन्‍मभूमि हिंदुओं को सौंप कर मंदिर बनाने में सहयोग करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि राम के जन्‍म स्‍थान में परिवर्तन संभव नहीं है और मंदिर बनना भी तय है। धर्म संसद में तीसरे दिन भी राम मंदिर मुद्दा छाया रहा। हर प्रति‍निधि राम मंदिर पर अपना अभिमत रखने को आतुर दिखा। सुबह से शाम तक चली चर्चा के बाद शंकराचार्य ने धर्म संसद को संबोधित करते हुए यूपी सरकार और विश्‍व हिंदू परिषद पर हमला बोला। उन्होंने कहा, 'अयोध्‍या की धर्म सभा में जुटने वाले, श्रीराम को मनुष्‍य मानने वाले और राम का पुतला बनाने में रुचि रखते हैं न कि रामलला का मंदिर बनाने में। राम को मनुष्‍य मानना परमात्‍मा का अपमान है।' शंकराचार्य ने यह भी कहा, 'कुछ लोग अब अयोध्‍या में अश्‍वमेध यज्ञ की तैयारी में हैं। क्‍या वह तांबे का घोड़ा लाएंगे? कोई दस बच्‍चे पैदा करने की नसीहत दे रहा तो कोई नए-नए छद्म भगवान ही बना दे रहा है। सरकार की शह पर मं‍दिरों में साईं की मूर्ति स्‍थापित की जा रही है। यह शास्‍त्र सम्‍मत है कि जब भी अपूज्‍यों की पूजा होगी, नुकसान जनता का होगा। मंदिर आदर्श राम का नहीं बल्कि आराध्‍य देव राम का होगा। हमारा संघर्ष भी इसी को लेकर है।'