पटना, बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने शरद यादव को आड़े हाथों लेते हुए उनपर हमला किया है. सुशील मोदी ट्वीट कर कहा है कि समाजवादी नेता शरद यादव को एनडीए के प्रमुख घटक जेडीयू को अलोकतांत्रिक बताने से पहले देखना चाहिए कि जिस आरजेडी से उन्होंने हाथ मिलाया, उसमें लगातार 10 बार से केवल लालू प्रसाद ही राष्ट्रीय अध्यक्ष कैसे बने हुए हैं? जिस पार्टी के प्रमुख चारा घोटाला के चार मामलों में सजायाफ्ता हैं और जिनके खिलाफ करोड़ों रुपये की बेनामी संपत्ति के मामले सबूत के साथ सामने आ रहे हैं, उनका बचाव करना क्या लोकतंत्र की रक्षा करना है?
आश्चर्य है कि दूसरों की काली कमाई बचाने में कोई अपना कुर्ता काला क्यों कर रहा है? शरद यादव ने नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए जनता दल यूनाइटेड को अलोकतंत्रिक पार्टी कहा था.
सुशील मोदी ने ट्वीट करके नीतीश कुमार का बचाव भी किया और कहा कि एक दलित नेता को नीतीश कुमार ने विधानसभा का अध्यक्ष बनवाया, तो दूसरे को ढ़लती उम्र में राजनीतिक गुमनामी से निकाल कर मुख्यमंत्री बनवाया. लेकिन जब जिसकी स्वार्थ लिप्सा पूरी नहीं हुई, वही अपने दल के मुखिया पर दलित-विरोधी होने का आरोप लगाते हुए विरोधियों से मिल गया.
ऐसे लोग राजनीति और ब्लैकमेलिंग का फर्क मिटा कर समाज का अहित कर रहे हैं. नीतीश कुमार ने दलित नेता उदय नारायण चौधरी को विधानसभा का अध्यक्ष बनाया, वो दो टर्म तक अध्यक्ष रहे और अब उन्होंने जेडीयू छोड़ते हुए कहा कि नीतीश कुमार दलित विरोधी हैं. इस बार उदय नारायण चौधरी चुनाव हार गए थे. वहीं उन्होंने जीतनराम मांझी की भी चर्चा की, जिन्हें नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री बनाया था पहले वो एनडीए में थे अब वो महागठबंधन में शामिल हो गए हैं.