उमरिया में जूता-चप्पल-साडी घोटाला !
surendra tripathi
उमरिया, मध्य प्रदेश सरकार वैसे भी घोटालों की सरकार के रूप में बदनाम हो चुकी है लेकिन अभी भी घोटाला करने से बाज नहीं आ रही है ऐसा ही मामला उमरिया जिले में सामने आया है, जब जिले के डी ऍफ़ ओ से तेंदूपत्ता श्रमिकों को दिए जाने वाले चप्पल, जूते, साड़ियाँ और पानी की बोतल के बारे में जानकारी ली गई तो उसमें भी घोटाले की बू आने लगी, समाजवादी पार्टी के प्रदेश सचिव ने आरोप लगाया कि इसमें भी घोटाला हो रहा है हम इसका विरोध करते हैं |
मध्य प्रदेश में मुख्य मंत्री शिवराज सिंह चौहान चुनावी साल में मजदूरों को रिझाने के लिए तेंदूपत्ता श्रमिकों को जूता, चप्पल पानी की बोतल और साड़ी देने में लगे हैं, उमरिया जिले में भी संभवतः 23 मई को वितरित करेंगे हालांकि 23 अप्रैल से प्रदेश में इसकी शुरुवात उमरिया जिले से होना था लेकिन किन्ही कारणवश उमरिया से न होकर सीधी जिले से कर दिए | इसकी जानकारी जब उमरिया के डी ऍफ़ ओ महेंद्र सिंह भगदिया से लिया गया तो उन्होंने बताया कि जिले के 63 हजार 6 सौ 31 परिवार को इस योजना से लाभान्वित किया जाएगा वहीं बताये कि प्रति परिवार में पुरुष को जूता, महिलाओं को चप्पल, पानी की बोतल और एक महिला को साड़ी दिया जाएगा जिले में 7 करोड़ रुपये का सामान वितरित किया जाएगा | अब यदि देखा जाय तो एक परिवार को मिलने वाले सामान की कीमत लगभग 1 हजार 83 रुपये होती है, इस तरह उमरिया जिले में प्रति परिवार एक हजार तिरासी रुपये से लाभान्वित किया जाएगा|
वहीँ इस मामले में समाजवादी पार्टी के उत्तर प्रदेश के सचिव राम निहोर यादव का कहना है कि मध्य प्रदेश सरकार नया घोटाला करने जा रही है, इस पर हमारी समाजवादी पार्टी जन आन्दोलन करेगी और जो गरीबों में तेंदूपत्ता मजदूरों में बांटने जा रहे हैं यह बहुत बड़ा घोटाला होने जा रहा है देखिएगा आने वाले समय में जिस तरह बड़े – बड़े घोटालों का पर्दाफास हुआ है इसका भी पर्दाफास होगा, हम लोगों की मांग है, हम लोग इस पर जन आन्दोलन करेंगे मजदूरों को समझायेंगे कि आपको जो चप्पल और साड़ी वगैरह मिल रहा है उसको सस्ते दाम पर खरीद कर ज्यादा पैसा वसूलने की बात हो रही है इस पर हम लोग चाहते हैं कि जो सामान सरकार दे रही है उसकी जगह सीधे मजदूरों के खाते में पैसा दिया जाय |
यदि देखा जय तो प्रदेश के 21 जिले तेंदूपत्ता संग्राहक जिले हैं और इन्ही 21 जिलों में करोड़ों का गुडवत्ताहीन सामान सीधे प्रदेश सरकार द्वारा खरीद कर जिलों में भेजा जा रहा है, जबकि सारे सामान की कीमत खुले बाजार में 400 रूपये से अधिक नहीं है लेकिन सरकार द्वारा वही सामान एक हजार से ऊपर का लिया जा रहा है जिसमें सीधे – सीधे प्रति परिवार लगभग लगभग 600 रुपये का घोटाला किया जा रहा है अगर देखा जाय तो मात्र उमरिया जिले के खरीदी में लगभग 4 करोड़ का घोटाला हो रहा है तो प्रदेश के बाक़ी 20 जिलों में कितने का होगा यह सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है, जिससे साफ़ जाहिर होता है कि चलते – चलते भी शिवराज सरकार घोटाला करने में कोई कसर नहीं लगा रही है |