रायपुर
इन दिनों पारा 42 के आसपास चल रहा है, पशु-पक्षी, इंसान गर्मी से परेशान हैं, ऐसे में भगवान के भक्त भी चिंतित हैं कि उनके इष्ट देव गर्मी न लगे। इष्ट देव पर गहरी आस्था के चलते भक्तों ने पूजा घरों में स्थापित भगवान की प्रतिमाओं को गर्मी के परिधान पहनाना शुरू कर दिया है, साथ ही भगवान को शीतलता पहुंचाने के लिए भोग का मीनू भी बदल दिया है।
अब भगवान को लस्सी, केसर दूध, शर्बत, शिकंजी, तरबूज, खरबूजा, आम जैसे फलों का भोग लगाया जा रहा है। घर के पूजा स्थल के अलावा मंदिरों के गर्भगृहों को भी एसी, कूलर के जरिए ठंडा किया जा रहा है। अभिषेक स्नान में भी केसर व सुगंधित द्रव्यों का उपयोग तथा भगवान के श्रृंगार एवं शयन संस्कार के दौरान पहनाए जाने वाले वस्त्रों का भी विशेष ध्यान रखा जा रहा है।
कृष्ण को सूती धोती, राधा को सूती साड़ी
जवाहर नगर स्थित राधा कृष्ण मंदिर के पुजारी पं. लल्लू महाराज बताते हैं कि गर्मी के दिनों में जुगलजोड़ी सरकार राधा-कृष्ण की प्रतिमा को सूती (कॉटन) परिधान पहनाए जा रहे हैं। श्रीकृष्ण को सूती धोती और राधाजी को सूती साड़ी पहनाया जा रहा है।
दही, केसर दूध, फल
सुबह, दोपहर, शाम और रात में जुगलजोड़ी सरकार को दही, केसर दूध, तरबूज, खरबूजा, आम जैसे फलों का भोग लगाया जा रहा है।
गोकुल चंद्रमा हवेली में फव्वारा
बूढ़ापारा स्थित गोकुल चंद्रमा मंदिर में भगवान को गर्मी से राहत पहुंचाने के लिए फव्वारा चलाया जा रहा है। पानी की फुहारें और मोगरा फूलों की क्यारी बनाकर ठंडकता का एहसास कराया जा रहा है।
मौसम के अनुरूप श्रृंगार
महामाया मंदिर के पुजारी पं. मनोज शुक्ला बताते हैं कि शास्त्रों में भी देवीदेवता का मौसम के अनुरूप श्रृंगार करने, भोग लगाने का विधान है। इस परंपरा का पालन देवी मंदिरों में भी किया जा रहा है। पहले गर्भगृह में खस लगाकर ठंडा रखा जाता था। अब नए जमाने के अनुसार एसी, कूलर लगाए गए हैं।
कई मंदिरों में की गई व्यवस्था
राजधानी के महामाया मंदिर पुरानी बस्ती, अंबा देवी मंदिर सत्तीबाजार, काली मंदिर आकाशवाणी, गणेशशिव मंदिर बूढ़ापारा, खाटू श्याम मंदिर समता कॉलोनी, राधे-कृष्ण मंदिर समता कॉलोनी, सांई मंदिर आजाद चौक, श्रीराम मंदिर वीआईपी रोड, सालासर बालाजी हनुमान मंदिर अग्रसेनधाम, राधा-कृष्ण मंदिर जवाहर नगर समेत अनेक छोटे-बड़े मंदिरों के गर्भगृह में एसी और कूलरों से भगवान को शीतलता पहुंचाई जा रही है।