UN बैन लागू करने को मजबूर, पुलवामा के बाद चौतरफा घिरा पाक

UN बैन लागू करने को मजबूर, पुलवामा के बाद चौतरफा घिरा पाक

इस्लामाबाद 
पुलवामा आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान पर बढ़े अंतरराष्ट्रीय दबावों का असर दिखने लगा है। देश में संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित किए गए व्यक्तियों और संगठनों के खिलाफ UNSC 1267 प्रतिबंधों को लागू करने के लिए पाकिस्तान ने शुक्रवार को दिशानिर्देश जारी किए। दरअसल, अपनी सरजमीं पर पल रहे आतंकी संगठनों पर अंकुश लगाने को लेकर पाकिस्तान भारी अंतरराष्ट्रीय दबाव का सामना कर रहा है। वैसे, पाकिस्तान ने दुनिया को दिखाने के लिए पहले भी कई कदम उठाए हैं पर भारत के साथ मौजूदा तनाव को देखते हुए उसके इस फैसले को महत्वपूर्ण माना जा रहा है।  
 
गाइडलाइन जारी करते हुए पाकिस्तान के विदेश विभाग ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के निशाने पर आए लोगों और समूहों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय दायित्वों को पूरा करने में यह सहयोग करेगा। विदेश सचिव तहमीना जंजुआ ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रतिबंधों समेत अपने अंतरराष्ट्रीय कानूनी कर्तव्यों को पूरा करने के लिए पाकिस्तान को काफी ध्यान रखना होगा। 

पाकिस्तान क्यों हुआ मजबूर? 
दरअसल, इमरान सरकार के सामने पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की बड़ी चुनौती है। पाकिस्तान को फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ओर से ब्लैकलिस्ट किया जा सकता है। अमेरिकी सांसदों के विरोध के कारण पाकिस्तान को इंटरनैशनल मॉनेटरी फंड (IMF) से राहत पैकेज मिलना भी मुश्किल है। पाकिस्तान अभी तक आर्थिक संकट का मुकाबला खाड़ी देशों से वित्तीय मदद से करने की कोशिश करता रहा है, लेकिन यह मदद उसके लिए पर्याप्त नहीं है। 

पाकिस्तान की इकॉनमी में सुधार के लिए इमरान खान पश्चिमी देशों से मदद लेना चाहते हैं और इस वजह से वह अपनी साख मजबूत करने की कोशिशें कर रहे हैं। हालांकि, पाकिस्तान को अपने परंपरागत सहयोगी चीन से भी मदद मिल रही है लेकिन इसके बावजूद पाकिस्तान की इकॉनमी के लिए मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। IMF ने 2018-19 के लिए पाकिस्तान की ग्रोथ का अनुमान घटाकर 2.8 पर्सेंट और 2019-20 के लिए 2.9 पर्सेंट किया है। पाकिस्तानी रुपये में कमजोरी आने के बाद पाकिस्तान का फ्यूल इम्पोर्ट बिल भी बढ़ रहा है। 

पाक विदेश सचिव ने क्या कहा? 
पाक विदेश सचिव ने उम्मीद जताई कि संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए यह गाइडलाइन सभी स्टेकहोल्डर्स से उनकी जिम्मेदारियों को निभाने में मदद करेगा। विदेश विभाग ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद 1267 (अल कायदा प्रतिबंध व्यवस्था) और सुरक्षा परिषद 1988 (तालिबान प्रतिबंध व्यवस्था) को लागू करने के मामलों की देखरेख करने वाली नैशनल कमिटी द्वारा इस गाइडलाइन को तैयार किया गया था। 

UNSC 1267 प्रतिबंध समिति और फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF) की जरूरतों के हिसाब से अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप स्टेकहोल्डर्स से परामर्श कर गाइडलाइन तैयार की गई। गौरतलब है कि पुलवामा हमले के बाद दुनियाभर के देशों में आतंकवाद के जनक के तौर पर पाक बदनाम हो रहा है। आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF)के 40 जवानों के शहीद होने के बाद भारत-पाकिस्तान में तनाव काफी बढ़ गया था। 

इसके बाद भारतीय जवानों ने पाकिस्तान के बालाकोट में घुसकर आतंकियों के ठिकानों को नष्ट कर दिया। पाकिस्तान की एयरफोर्स ने जवाबी कार्रवाई की और इस दौरान पड़ोसी मुल्क का एक एफ16 और भारत का एक मिग21 गिर गया। भारतीय पायलट जेट से निकलने में कामयाब रहे पर पीओके में गिरने के कारण पाक सेना ने उन्हें हिरासत में ले लिया। हालांकि जल्द ही पाकिस्तान ने भारतीय पायलट अभिनंदन वर्तमान को भारत को सौंप दिया।