surendra tripathi
उमरिया, जिले में डीजल से भरी पिकअप पलटने से एक मजदूर की मौत मामला कंचन खुली कोयला खदान जोहिला एरिया अंतर्गत एस टी सी कंपनी में कार्यरत संत राम पाल पिता रामस्वरूप पाल उम्र 22 वर्ष निवासी ग्राम परसेल थाना नोरोज़ाबाद की मृत्यु कंचन खुली खदान में पिकप पलटने से हो गई दिनांक 2/3/2018 को कारीब 11 बजे रात के आस पास एक पिकप वाहन जिसका नंबर एमपी65जीए0307 से डीजल लेकर खदान के अंदर मशीनों में डीजल डालने के लिए जा रहा था तभी अचानक ढाल में पहुँचते ही पिकप वाहन चार पांच गुलाटी खाते हुये कारीब 50 फिट नीचे चला गया जिसमें सवार मैकेनिकल लाईन हेल्फर पिकप में फस गया घटना के कारण संतराम पाल का पूरा सर कुचल गया और मौके पर ही संतराम की मौत हो गई
कुछ लोगो ने बताया की पिकप को एस टी सी कंपनी का सुपर वाइजर राजेश यादव चला रहा था संत राम पाल के पिता ने बताया की मेरा पुत्र लगातार 48 घंटे से काम कर रहा था कंपनी की धमकी देने के कारण ही संतराम लगातार काम कर रहा था संत राम पाल के साथियों ने बताया की कंपनी वाले कालरी प्रबंधन के साथ यह धमकी देते है तुमको हमारे मर्जी से काम करना पड़ेगा हम जितने घंटे चाहेंगे उतने घंटे काम कराएँगे | सबसे बड़ा सवाल यह है की जब संतराम पाल की मौत मौके पर ही हो गई तो उसके परिजनों को तुरंत ही सूचना क्यों नहीं दी गई और संतराम पाल के शव को खदान से क्यों निकाला गया इस पूरे खेल में कोल माइंस प्रबंधन और एस टी सी कंपनी संदेह के घेरे में है संतराम पाल के शव को खदान से निकाल कर बुलेरो क्रमांक सी जी10 एन बी 6968 से विन्ध्या कालोनी तक लाया गया और वहां से एस ई सी एल हॉस्पिटल के एम्बुलेन्स में उमरिया हॉस्पिटल ले जाया गया हालांकि कंपनी और कालरी प्रबंधन का उद्द्देश्य यह था कि पूरे मामले को खदान परिषर के बाहर दिखाया जाय मौके पर पहुँचे बंधावगढ़ विद्यायक शिवनारायण सिंह ने मृतक के परिजनों सांत्वना दी साथ ही नोरोज़ाबाद टी आई पाली टी आई और एस डी ओ पी पाली अपने दल बल के साथ पहुँच आक्रोशित भीड़ को समझाईस दिया और कम्पनी एवं एस ई सी एल के साथ समझौता करवाए जिसमें मृतक के परिजन को तत्काल 50 हजार रुपये अन्तेय्ष्ठी के लिए दिया गया और 18 लाख रूपये का क्लेम बाद में देने की बात पर परिजनों को राजी किया गया, वहीँ मृतक के परिजन बताये कि यह कोई पहली घटना नहीं है इससे पहले भी इसी तरह की 3 घटना हो चुकी है जिसमें कोल माइंस प्रबंधन और कम्पनी के लोग लीपा – पोती कर मामले को रफा – दफा कर चुके हैं |