अनुसूचित जाति अंत्योदय स्वरोजगार योजना का लाभ लेने के लिए 30 जनवरी तक आवेदन आमंत्रित
महासमुंद
जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति मर्यादित महासमुंद द्वारा अंत्यावसायी वित्तीय वर्ष 2018-19 में अनुसूचित जाति अंत्योदय स्वरोजगार योजना में लक्ष्य 384 तथा अनुसूचित जनजाति स्वरोजगार योजना में 107 का लक्ष्य प्राप्त हुआ है। लक्ष्य को पूरा करने के लिए अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग लोगों से 30 जनवरी 2019 तक आवेदन पत्र आमंत्रित किया गया है।
जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने बताया कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति स्वरोजगार योजनांतर्गत बेकरी कार्य, भोजन बनाना, चाट की दुकान, इंग्लिश कोचिंग क्लासेस एवं स्वयं सहायता समूह का लेखा संधारण, हेयर कटिंग सेलून, ब्यूटी पार्लर, चाय केंटिन एवं नाश्ता केन्द्र, योग शिक्षा, बच्चों की देखभाल (झूलाघर), लान्ड्री कार्य, रफूगिरी एवं रगाई, घड़ी साज, विद्युत यंत्र सुधारक, सायकल मरम्मत, स्कूटर मोपेड टूव्हीलर रिपेयरिंग, घर की साज संभाल, बागवानी एवं नर्सरी, पशुपालन एवं मुर्गीपालन, फुटकर विक्रेता, मसाला उद्योग, साफ्ट टायज, कृत्रिम आभूषण निर्माण, आपाहिजों एवं बुजुर्गों की देखभाल चाट निर्माण, मोमबत्ती निर्माण, स्टेशनरी निर्माण, सिलाई-कढ़ाई-बुनाई, स्वेटर बुनाई, मशरूम उत्पादन, ईंट खपरा निर्माण, डिटर्जेंट पावडर निर्माण, लघु वनोपज वनोषधि निर्माण एवं व्यवसाय इलेक्ट्रिक, मोटर पम्प मरम्मत व्यवसाय, काष्ठकला फर्नीचर व्यवसाय, स्टील फेब्रीकेशन वर्मी कम्पोष्ट, खाद निर्माण विक्रय व्यवसाय, फोर व्हीलर रिपेयरिंग व्यवसाय, दोना पत्तल निर्माण व्यवसाय, स्टेशनरी फाईल मेकिंग व्यवसाय, आदि व्यवसाय हेतु आवेदन किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि इस योजना से लाभान्वित होने के लिए आवेदक जिले का मूल निवासी होना आवश्यक है तथा आवेदक अनुसूचित जाति एवं अनु.जन जाति वर्ग को हो, आवेदक की आयु 18 वर्ष से 50 वर्ष के बीच हो, आवेदक की वार्षिक आय ग्रामीण क्षेत्रों में 40 हजार 500 एवं शहरी क्षेत्रों में 51 हजार 500 तक हो तथा आवेदक का जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र एवं आय प्रमाण पत्र सरपंच, पटवारी द्वारा जारी किये मान्य होंगें। उन्होंने बताया कि योजनांतर्गत विधवा महिला, परित्यक्ता, शिक्षित बेरोजगार युवक युवतियां एवं मुख्यमंत्री कौशल विकास योजनाओं से प्रशिक्षण प्राप्त आवेदकों को प्राथमिकताएं दी जावेगी। इस योजना में इकाई लागत अनुसार 50 हजार से एक लाख रूपए लाख तक ऋण बैंकों के माध्यम से स्वीकृत किए जाएगें, जिसमें 50 प्रतिशत या अधिकतम 10 हजार स्वीकृत ऋण पर अनुदान की पात्रता होगी।