आज फिर उम्मीद है शायद मंत्रियों को विभाग मिल जाएं, 22 मंत्री के नाम फाइनल!
भोपाल
कमलनाथ कैबिनेट बनने के चार दिन बाद अभी तक मंत्री अपना विभाग मिलने के इंतज़ार में हैं. आज फिर उम्म्मीद है कि मंत्रियों को उनके विभाग मिल जाएं. पार्टी के तीन बड़े नेताओं कमलनाथ,दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच कुछ विभागों पर सहमति नहीं बन पाने के कारण विभागों को वितरण टल रहा है.
मंत्रियों के पोर्टफोलियो बांटने के लिए गुरुवार को कमलनाथ-दिग्विजय और ज्योतिरादित्य की तीन बार लंबी बैठक हुई. गृह-वित्त और हेल्थ जैसे बड़े विभागों को लेकर तीनों के बीच एक राय नहीं बन पायी. बाकी विभागों की सूची मंज़ूरी के लिए पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को भेज दी गयी है.
कमलनाथ कैबिनेट में आधा दर्जन मंत्रियों के विभागों के नाम पर अभी तक पेंच फंसा है। इसका निराकरण नहीं होने से सूची जारी नहीं हो पा रही है। अब तक जिन विभागों के लिए मंत्रियों के नाम फाइनल होना बताए जा रहे हैं उसमें 22 मंत्री शामिल हैं पर यह सूची अधिकृत नहीं है। अंतिम दौर में इसमें बदलाव हो सकता है। मंत्रियों के विभागों के वितरण का काम आज हो जाएगा।
- सज्जन सिंह वर्मा:पीडब्ल्यूडी
- लाखन सिंह यादव:सामाजिक न्याय
- तुलसी सिलावट:लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण
- ओमकार सिंह मरकाम:आदिम जाति कल्याण
- गोविन्द सिंह:सहकारिता
- प्रभुराम चौधरी: स्कूल शिक्षा
- बाला बच्चन:गृह
- जयवर्द्धन सिंह: वित्त
- कमलेश्वर पटेल:पंचायत एवं ग्रामीण विकास
- डॉ. विजय लक्ष्मी साधो: चिकित्सा शिक्षा
- तरुण भनोट: नगरीय विकास
- पीसी शर्मा:उच्च शिक्षा
- सुरेंद्र सिंह बघेल:एनवीडीए
- आरिफ अकील:गैस राहत, अल्पसंख्यक कल्याण, एमएसएमई
- जीतू पटवारी:खेल व युवक कल्याण
- गोविन्द सिंह राजपूत:राजस्व
- सुखदेव पांसे:पीएचई
- इमरती देवी:महिला एवं बाल विकास
- बृजेंद्र सिंह राठौर:खनिज
- सचिन यादव:कृषि
- उमंग सिंघार:वन
- महेंद्र सिंह सिसोदिया: श्रम
सीएम कमलनाथ की कोशिश ये है कि दिल्ली से ही सूची को मंज़ूरी मिल जाए ताकि फिर कोई आपत्ति ना उठा सके. तीनों दिग्गजों के बीच युवा मंत्रियों को महत्वपूर्ण विभाग देने पर भी देर तक चर्चा चली. नेताओं के बीच महत्वपूर्ण विभाग अपने समर्थक मंत्री को देने पर रस्साकशी है.
विभाग वितरण की झंझट में फंसे सीएम कमलनाथ के सामने दूसरी समस्या असंतुष्टों की खड़ी हुई है. मंत्री पद ना मिलने से कई विधायक नाराज़ हैं.सुमावली विधायक ऐदल सिंह कंसाना दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं. मुरैना में उनके समर्थक ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष मदन शर्मा गुरुवार को इस्तीफा दे चुके हैं. इनकी शिकायत ये है कि ऐदल चार बार से लगातार विधायक हैं. इस बार मुरैना-श्योपुर की 8 में से 7 सीटें कांग्रेस ने जीतीं फिर भी उन्हें विधायक क्यों नहीं बनाया गया. पिछोर विधायक के पी सिंह समर्थक भी चक्काजाम और विरोध प्रदर्शन कर चुके हैं.
दूसरे असंतुष्ट बुरहानपुर विधायक सुरेन्द्र सिंह उर्फ शेरा हैं. वो टिकट ना मिलने के कारण इस बार बाग़ी हो गए थे. शिवराज सरकार में मंत्री रही अर्चना चिटनिस को हरा कर आए हैं और कांग्रेस को समर्थन दे रहे हैं. वो भी कांग्रेस को चेता चुके हैं कि बिना निर्दलीय के सरकार नहीं चल पाएगी.
असंतुष्टों की सूची में नया नाम बदनावर विधायक राजवर्धन सिंह का है. उन्होंने आरोप लगाया है कि वंशवाद की राजनीति ने मेरा हक़ छीन लिया है. वो भी पार्टी को धमका रहे हैं कि इसका जवाब इस्तीफ़े से देंगे.