चुनाव आयोग से कांग्रेस की मांग हर राउंड के बाद घोषित किए जाएं परिणाम
भोपाल
ईवीएम में छेड़छाड़ की आशंका के बीच कांग्रेस के प्रतिनिधि मंडल ने दिल्ली में मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा से मिल कर मध्य प्रदेश में स्ट्रांग रुम में ईवीएम के प्रति बरती जा रही लापरवाही की शिकायत की। आयोग से मांग की गई है कि हर राउंड के बाद परिणाम की घोषणा की जाए इसके बाद परिणाम घोषित किए जाएं। ईवीएम के मामले में लापरवाही बरतने वाले कर्मचारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। शिवराज सरकार को आदर्श आचार संहिता के लागू रहते कैबिनेट बैठक करने से रोकने की मांग की गई।
प्रतिनिधि मंडल में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ, पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल, अहमद पटेल एवं सांसद विवेक तन्खा शामिल थे। शिकायत के बाद कमलनाथ ने कहा कि हमने चुनाव आयोग से मध्य प्रदेश में स्ट्रांग रुम के हालातों से चुनाव आयोग से अवगत कराया गया है। हमने आयोग से कहा है कि मतगणना के लिए 14 के स्थान पर 21 टेबलों का प्रयोग हो। जिन मशीनों का उपयोग चुनाव में हुआ है और जिनका नहीं हुआ है, उन्हें अलग-अलग रखा जाए। उपयोग हो चुके पोस्टल बैलेट और उपयोग में नहीं आये पोस्टल बैलेट की संख्या उपलब्ध करायी जाये। ईवीएम के मतों की गणना के पहले पोस्टल बैलेट की गणना करें। कटनी और अन्य जगहों पर पोस्टल बैलेट के डिब्बों से छेड़छाड़ करने वाले अधिकारियों पर तत्काल कार्यवाही करें।
ज्ञापन में लिखा है कि सागर के खुरई में सभी ईवीएम मशीनों की जांच करने, उनके सरल क्रमांक का सत्यापन किया जाना चाहिए।
सभी उम्मीदवारों की उपस्थिति में यह जांच की जाये कि उनमें कोई डाटा लोड या अनलोड तो नहीं किया गया? देरी से जमा की गईं सभी मशीनों की फोरेंसिंक जांच होना चाहिए कि क्या वे वही मशीनें हैं जो चुनाव आयोग द्वारा जारी की गई थीं? किस अधिकारी ने इन मशीनों को ट्रांसपोर्ट करने की स्वीकृति दी थी? स्ट्रांग रूम तक ट्रांसपोर्ट करने से पहले ये मशीनें कहां रखी गई थीं? जारी करने वाले अधिकारियों और ट्रांसपोर्ट करने वाली अथार्टि के हस्ताक्षरों का मेल करना चाहिए। इसके अलावा ट्रांजिंट चार्ट को भी जांचने की जरूरत है। यह भी जांच होना चाहिए कि मशीनों में कोई फारेन चिप या यंत्र तो उपयोग में नहीं लाया गया? यह जांच होना चाहिए कि मशीनें अपंजीकृत वाहन में क्यों रखी र्गइं? संबंधित अधिकारियों को दंडित भी किया जाए। शाजापुर जिले की शुजालपुर विधानसभा में कुछ अधिकारी ईवीएम के साथ एक होटल में पाये गये। उनके पास जो ईवीएम मशीनें थी, उसका चुनाव में उपयोग किया गया या नहीं? उन सभी पर अभी तक कड़ी कार्यवाही क्यों नहीं की गई?