इ-टेंडर घोटाले के आरोपियों की रिमांड 22 तक बढ़ी, एसईडीसी का सर्वर खंगाल रही तकनीकी टीम

इ-टेंडर घोटाले के आरोपियों की रिमांड 22 तक बढ़ी, एसईडीसी का सर्वर खंगाल रही तकनीकी टीम

भोपाल
 इ-टेंडर घोटाले में आरोपी वरुण चतुर्वेदी, विनय चौधरी और सुमित गोलवलकर सहित एसईडीसी के ओएसडी एनके ब्रम्हे की पुलिस रिमांड कोर्ट ने बढ़ाकर 22 अप्रैल तक कर दी है। गुरुवार को चारों आरोपियों को ईओडब्ल्यू के विशेष सत्र न्यायाधीश संजीव पांडे की अदालत में पेश किया गया था।

ईओडब्ल्यू की विधि अधिकारी सुधा विजय सिंह भदौरिया ने केस डायरी पेश कर रिमांड अवधि बढ़ाने के लिए आग्रह किया। इस पर कोर्ट ने पूछा कि अब तक क्या-क्या कार्रवाई की गई और कहां तक विवेचना पहुंची? यह भी पूछा कि ओर रिमांड अवधि क्यों चाहिए।

इस पर सुधा विजय सिंह भदौरिया ने तर्क दिया कि बंगलुरू की सॉफ्टवेयर कंपनी एंटेरस से जब्त इलेक्ट्रॉनिक डाटा का विश्लेषण किया जाना है, जिसमें आरोपियों की मदद की जरूरत है। आरोपी ऑस्मो आईटी कंपनी के संचालकों के वकील रजनीश बरैया ने दलील दी कि इओडब्ल्यू दो बार रिमांड ले चुका है, लेकिन विवेचना किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है। अनावश्यक रुप से प्रकरण बनाया जा रहा है। इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य सभी जगह मौजूद है, ऐसे में तीसरी बार रिमांड का आधार नहीं बनता।

इस पर सुधा विजय सिंह ने तर्क पेश किया कि डिजिटल साक्ष्यों की जब्ती की गई हैं, जिनमें आरोपियों से पूछताछ की जाना है और विवेचना चल रही है। अन्य जगह से भी साक्ष्य अभी जुटाया जाना है। प्रकरण वृहद स्तर और गंभीर प्रकृति का होने के कारण आरोपियों से पूछताछ की जाना है। ईओडब्ल्यू के इस तर्क पर ऑस्मो आईटी कंपनी के तीनों आरोपियों को तीसरी बार और एनके ब्रह्मे को दूसरी बार 22 अप्रैल तक पुलिस अभिरक्षा में भेज दिया।

इधर, इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कारपोरेशन के दफ्तर में मंगलवार से ही तकनीकी विशेषज्ञों की टीम सर्वर और हार्ड के डाटा की क्लोनिंग कर रही है। इओडब्ल्यू के तकनीकी विशेषज्ञों के साथ एक टीम चंडीगढ़ से भी बुलाई गई हैं, जो डाटा क्लोनिंग तैयार कर रही है। इधर, बंगलुरु से जब्त इलेक्ट्रॉनिक्स डाटा के साथ एसईडीसी के डाटा को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजने की तैयारी कर ली है।

आज हो सकती है गिरफ्तारियां
ईओडब्ल्यू ने चारों आरोपियों के बयान दर्ज कर लिए। चारों बैंक खातों के अलावा अब तक जब्त इलेक्ट्रॉनिक और अन्य साक्ष्यों के आधार पर आरोपी निजी कंपनियों के साथ एसइडीसी के अधिकारियों की गिरफ्तारी की जा सकती है। ईओडब्ल्यू के अधिकारियों ने इसकी पूरी तैयारी कर ली। आरोपियों की निगरानी की जा रही है ताकि उन्हें सटीक समय पर गिरफ्तार किया जा सके।