इंग्लैंड की चुनौती के लिए तैयार आत्मविश्वास से भरा भारत
मैनचेस्टर
खेल के छोटे प्रारूपों में पिछले कुछ समय में दबदबा बनाने वाली भारतीय क्रिकेट टीम कल यहां पहले टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच के साथ इंग्लैंड दौरे की कड़ी चुनौती की शुरुआत करेगी। इंग्लैंड की टीम ने पिछले कुछ समय में सीमित ओवरों में प्रदर्शन को बेहतर बनाया है। इस वजह से विराट कोहली की टीम के लिए यह दौरा काफी महत्वपूर्ण रहेगा। पिछले एक दशक में भारत की सीमित ओवरों की टीम के प्रदर्शन में निरंतरता देखने को मिली है, जबकि इंग्लैंड ने जोस बटलर, जेसन राय और बेन स्टोक्स जैसे स्टार खिलाड़ियों की बदौलत अंतत: वनडे और टी20 मैचों में लय हासिल कर ली है। वनडे विश्व कप 2019 में अब 12 महीने से भी कम का समय बचा है। ऐसे में दोनों टीमों के लिए यह तैयारी का भी अच्छा मौका होगा।
भारत ने इस सीरीज से पहले दो मैचों की टी20 सीरीज में आयरलैंड पर 72 और 143 रन की जीत दर्ज की, लेकिन कोहली अच्छी तरह वाकिफ हैं कि इंग्लैंड की टीम की चुनौती काफी कड़ी होगी। हालांकि, भारत को इस तथ्य से आत्मविश्वास मिलेगा कि उसने अपने पिछले 20 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में से 15 में जीत दर्ज की है। इसमें श्रीलंका में निदाहस ट्रॉफी और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ उसकी सरजमीं पर सीरीज जीतना शामिल है।
इंग्लैंड की टीम ने भारत के खिलाफ सीरीज से ठीक पहले सीमित ओवरों में ऑस्ट्रेलिया को 6-0 से शिकस्त दी। इस दौरान बटलर, जेसन राय, जोनी बेयरस्टा ने बेहतरीन प्रदर्शन किया। जून 2017 से इंग्लैंड ने दक्षिण अफ्रीका, वेस्टइंडीज, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के खिलाफ नौ टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में से पांच में जीत दर्ज की। हालांकि, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के खिलाफ मार्च में हुई त्रिकोणीय सीरीज में टीम ने चार में से तीन मैच गंवाए।
भारतीय टीम के लिए आयरलैंड दौरा अभ्यास मैचों से अधिक कुछ नहीं था। कोहली को छोड़कर शीर्ष क्रम के सभी बल्लेबाज रन बनाने में सफल रहे, जबकि कलाई के स्पिनरों कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल ने प्रभावी गेंदबाजी की। हालांकि, जसप्रीत बुमराह की अंगूठे की चोट टीम के लिए चिंता का विषय है, क्योंकि वे डेथ ओवरों की गेंदबाजी में अहम भूमिका निभा रहे थे। यह देखना रोचक होगा कि उनके विकल्प के तौर पर टीम में शामिल दीपक चाहर को पदार्पण का मौका मिलता है या नहीं। हालांकि, सीनियर गेंदबाज उमेश यादव को बुमराह का संभावित विकल्प माना जा रहा है। फरवरी के बाद यह पहला मौका था, जब भारत के सभी शीर्ष खिलाड़ी एक साथ खेलते नजर आए। इस दौरान खिलाड़ियों ने आईपीएल 2018 के बाद अच्छी वापसी की।