इथियोपिया में बंधक बनाए गए आईएलऐंडएफएस के 2 भारतीय कर्मचारी रिहा
नई दिल्ली
इथियोपिया में तनख्वाह न मिलने से नाराज आईएलऐंडएफएस ग्रुप के जॉइंट वेंचर के स्थानीय कर्मचारियों द्वारा बंधक बनाए गए दो भारतीयों हरीश बांदी और भास्कर रेड्डी को शनिवार को रिहा कर दिया गया। कंपनी द्वारा अगले कुछ दिनों में स्थानीय कर्मचारियों को बकाया तनख्वाह का भुगतान किए जाने का आश्वासन देने के बाद कंपनी के दोनों कर्मियों को रिहा किया गया है। कंपनी इथियोपिया में एक सड़क निर्माण कार्य में लगी है।
भारतीय अधिकारी व स्थानीय आईएलऐंडएफएस ट्रांसपोर्टेशन नेटवर्क लिमिटेड (आईटीएनएल) नीरज रघुवंशी नाम के एक और भारतीय कर्मचारी को रिहा कराने के लिए इथियोपिया के अधिकारियों के संपर्क में है, जिन्हें नेकेम्ते ब्योर लॉट 1 कैंप में बंदी बनाकर रखा गया है। अंबो वोलोसिस सड़क परियोजना में काम कर रहे बांदी और रेड्डी को तब रिहा किया गया, जब रेड्डी ने परेशानी की शिकायत की थी।
आईटीएनएल और उसकी सहायक कंपनी एल्सामेक्स एसए के मामलों की देखरेख करने वाले सी. चंद्रशेखर ने कहा, 'हरीश ठीक है और वह हमारे साथ अदिस अबाबा में है। हम अन्य लोगों की रिहाई के लिए अधिकारियों से बात कर रहे हैं।'
उल्लेखनीय है कि संकटग्रस्त आईएलऐंडएफएस समूह की इकाई आईएलएंडएफएस ट्रांसपोर्टेशन पिछले दिनों दो गैर-परिवर्तनीय डिबेंचरों (एनसीडी) पर 2.28 करोड़ रुपये का ब्याज भुगतान करने में असफल रहा है। शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कंपनी ने कहा कि दोनों एनसीडी पर ब्याज भुगतान 26 नवंबर को किया जाना था। दोनों बांड 25 अगस्त को जारी किए गए थे।
इससे पहले 22 नवंबर को एनसीडी पर 7.24 करोड़ रुपये का ब्याज भुगतान नहीं हो पाया था। यह भुगतान 21 नवंबर को किया जाना था। वहीं उससे पहले दो नवंबर को भी कंपनी एनसीडी पर 2.29 करोड़ रुपये का ब्याज भुगतान नहीं कर पाई। वहीं एक नवंबर को होने वाले एनसीडी के ब्याज का भुगतान करने में भी कंपनी असफल रही।
इन्फ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज (आईएलएंडएफएस) और उसकी अनुषंगियां पिछले कुछ माह के दौरान कोष की कमी की वजह से कई ऋण उत्पादों पर भुगतान में चूक कर चुकी हैं। अक्तूबर में समूह पर कुल 94,215.6 करोड़ रुपये का कर्ज था।