उज्‍जैन में नर्मदा नदी के जल में ही होगा मकर संक्रांति का स्‍नान

उज्‍जैन में नर्मदा नदी के जल में ही होगा मकर संक्रांति का स्‍नान

उज्जैन
 महाकाल की नगरी उज्जैन में मकर संक्रांति का पर्व स्नान इस बार भी नर्मदा-शिप्रा के संगम जल में ही होगा। नर्मदा का पानी 12 या 13 जनवरी को उज्जैन आ जाएगा। इससे रामघाट पर मौजूद शिप्रा का गंदा पानी आगे बहा दिया जाएगा और नर्मदा के शुद्ध जल में श्रद्धालु स्नान कर पाएंगे।

नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण (एनवीडीए) ने शनैश्चरी अमावस्या पर हुई किरकिरी से कांग्रेस सरकार को बचाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। नर्मदा का पानी उज्जैन पहुंचाने के लिए चारों पंप चालू कर दिए हैं। दावा किया है कि मकर संक्रांति (15 जनवरी) का स्नान नर्मदा के शुद्ध जल में ही होगा।

बताया कि नर्मदा के जल से देवास का शिप्रा बेराज आधा भरा गया है। आधा अगले तीन दिन में भरा जाएगा। उज्जैन कलेक्टर या नगर निगम आयुक्त का निर्देश मिलने पर 12 या 13 जनवरी को नर्मदा का पानी बेराज के गेट खोल उज्जैन के लिए छोड़ दिया जाएगा। बेराज का लेवल मंगलवार शाम तक 489.40 मीटर हो गया था, जो अगले तीन दिन में 491 मीटर हो जाएगा। शनैश्चरी अमावस्या के दिन लेवल 488 मीटर था।

चिंता...पानी उज्जैन पहुंचने से पहले कहीं किसान न खींच लें

एनवीडीए के अफसरों ने शिप्रा नदी क्षेत्र में बिछे मोटर पंप के जाल पर चिंता व्यक्त की है। उज्जैन संभागायुक्त और कलेक्टर से कहा है कि पानी उज्जैन पहुंचने से पहले कहीं किसान ना खींच लें। क्योंकि शिप्रा नदी के निरीक्षण में मोटर पंपों का जाल बिछा मिला है। किसानों ने खेतों को सींचने के लिए पाइपलाइन कनेक्टेड अपनी मोटरें नदी किनारे रखी हैं। इस दिशा में कार्रवाई की जरूरत है। कलेक्टर ने मामला संज्ञान में लेकर कार्रवाई के निर्देश प्रभारी एसडीएम को दिए हैं।

तीन दिन पहले शनैश्चरी अमावस्या के नहान के लिए शिप्रा बेराज से छोड़ा 1 एमसीएम पानी मंगलवार को आलमपुर उड़ाना पहुंच गया। यहां पानी का वेग बहुत ही कम देखने को मिला। कारण रास्तेभर नदी का सूखा होना और पानी किसानों द्वारा खेतों में सिंचाई के लिए ले लिया जाना बताया है।