एक विज्ञापन ने बदल दी थी निरुपा रॉय की जिंदगी, पूजने लगे थे लोग
नई दिल्ली
निरूपा रॉय को उनके किरदारों के कारण 'इंडियन मदर' के नाम से जाना गया. उन्होंने कई फिल्मों में मां का किरदार किया. 4 जनवरी 1931 को जन्मीं निरूपा ने छोटी उम्र से ही फिल्मों में काम करना शुरू कर दिया था. उन्होंने 15 साल की उम्र से लीड एक्ट्रेस के रूप में फिल्मों में अपने करियर का आगाज किया. 1946 में उन्होंने बॉलीवुड इंडस्ट्री में कदम रखा. लंबे वक्त तक लीड एक्ट्रेस का रोल प्ले किया.
निरुपा रॉय का जन्म एक गुजराती फैमिली में हुआ. बचपन में उनका नाम कोकिला किशोरचंद्र बलसारा था. महज 15 साल की उम्र में कमल रॉय से उनकी शादी हो गई थी. शादी के बाद वे मुंबई चली गई थी. योगेश और किरन नाम से इनके दो बच्चे थे.
'रनकदेवी' से उन्होंने फिल्मों में आगाज किया. 1946 में उनके पति ने एक गुजराती अखबार में ऐड देखा. एक फिल्म बन रही थी जिसमें कलाकार चाहिए था. उन्होंने निरुपा का प्रोफाइल भेजा और चुन ली गईं. इसी साल उनकी पहली हिंदी फिल्म के लिए डायरेक्टर होमी वाडिया ने उनको कास्ट किया. फिल्म का नाम अमर राज था. उनके साथ हीरो थे त्रिलोक कपूर.
'बॉलीवुड की मां' निरूपा के बेडरूम को लेकर बेटों में लड़ाई
त्रिलोक कपूर के साथ इनकी जोड़ी सबसे ज्यादा हिट रही. दोनों ने एक साथ 18 फिल्मों में काम किया. निरुपा रॉय ने करियर की शुरुआत में कई फिल्मों में देवी के रोल किए. लोग सच्ची में देवी समझ उनका आशीर्वाद लेने घर तक आने लगे. अमिताभ बच्चन की कई सारी फिल्मों में निरुपा रॉय ने उनकी मां का रोल प्ले किया. निरुपा ने अपने करियर में ढाई सौ के आस पास फिल्में की. उनको साल 2004 में लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया. साल 2001 में निरुपा दहेज मांगने के जुर्म में अरेस्ट हो गई थी. साथ में पति कमल रॉय और बेटा किरन रॉय भी जेल चले गए थे. बहू ऊना रॉय ने दहेज उत्पीड़न का केस कर दिया था. 13 अक्टूबर 2004 को हार्ट अटैक से मौत हो गई. उस वक्त 72 साल की उम्र थी.