ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण दे सरकार, प्रदेश में होगा 'नींद हराम आंदोलन'
भोपाल
मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले अलग अलग संगठन अपनी मांगों को लेकर आंदोलन की राह पर है। एससी एसटी एक्ट और जातिगत आरक्षण के खिलाफ जहां सवर्णों ने बिगुल फूंक दिया है, और सपाक्स संगठन ने भी ताल ठोक दी है और चुनाव में भी उतरने को तैयार है। वहीं अब पिछड़ा वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण देने की मांग उठी है। ओबीसी-एससी-एसटी एकता मंच ने इस मांग को लेकर 16 सितंबर से चरणबद्ध आंदोलन का ऐलान किया है।
मध्यप्रदेश एकता मंच के संयोजक लोकेंद्र गुर्जर ने कहा कि प्रदेश में 54 फीसदी ओबीसी वर्ग है। लेकिन सरकार उनको सिर्फ 14 फीसदी ही आरक्षण दे रही है। ये नियमों के खिलाफ है। संगठन के पदाधिकारियों का कहना है राज्य सरकार यदि 27 फीसदी आरक्षण नहीं देगी तो 25 सितंबर से सांसदों, मंत्रियों एवं विधायकों के घरों के सामने ढोल नगाड़े बजाकर 'नींद हराम' आंदोलन किया जाएगा। गुर्जर ने बताया कि 16 सितंबर को सभी जिलों में बैठक होगी। भोपाल में होने वाली बैठक में कर्मचारी संगठन अजाक्स, अपाक्स, पिछड़ा वर्ग संयुक्त मोर्चा समेत अन्य संगठनों के पदाधिकारी भी शामिल होंगे।
गुर्जर ने कहा कि रामजी महाजन कमीशन ने भी प्रदेश में ओबीसी वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण देने की सिफारिश की थी, लेकिन सीएम शिवराज सिंह चौहान जो खुद को ओबीसी वर्ग का बताते हैं उन्होंने इस सिफारिश को प्रदेश में लागू नहीं किया। एक लाख बैकलोग वैकेंसी होने के बावजूद प्रदेश सरकार में सिर्फ 6 फीसदी ही कर्मचारी हैं। वहीं, तमिलनाडु में राज्य सरकार 50 फीसदी आरक्षण देती है, बीहार में 33 फीसदी आरक्षण मिलता है जबकि उत्तर प्रदेश में 27 फीसदी आरक्षण दिया जा रहा है।

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