कमलनाथ की चिट्ठी वायरल, संघ और राष्ट्रीय मुद्दों पर कांग्रेस नेताओं को दी नसीहत

भोपाल
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए अपने मैनिफेस्टो में संघ की शाखाओं पर बैन लगाने के मामले में मचे बवाल के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ लगता है कि अब डैमेज कंट्रोल में जुट गए हैं. दरअसल, उनकी एक चिट्ठी वायरल हुई है जिसमें उन्होंने कांग्रेस नेताओं को संघ, राष्ट्रीय मुद्दों और अन्य कई मुद्दों पर बोलने से पहले नसीहत दी है.
कमलनाथ की चिट्ठी में लिखा है कि कांग्रेस नेता धार्मिक और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर कांग्रेसी टिप्पणी ना करें. न्यायालय में लंबित मामलों पर टिप्पणी से बचें. इसके अलावा प्रतिद्वंद्वी नेताओं पर अपमानजनक टिप्पणी से भी परहेज़ करें, बिना प्रमाण आरोप ना लगाएं. कमलनाथ ने चिट्ठी में यह भी लिखा है कि कांग्रेस भारतीय संविधान, सर्वोच्च न्यायालय और चुनाव आयोग निर्देशों का पालन करती है और मुझे आशा है कि कांग्रेस कार्यकर्ता इन निर्देशों का पूरी तरह पालन करेंगे.
हालांकि इस चिट्ठी पर अभी तक किसी भी कांग्रेस नेता का बयान सामने नहीं आया है. यह चिट्ठी दिवाली की बताई जा रही है. इससे पहले कमलनाथ के वारल वीडियो पर भी बवाल मचा था जब उन्होंने प्रत्याशियों के बारे में टिप्पणी की थी. कमलनाथ ने कहा था कि हमें तो बस जिताऊ प्रत्याशी चाहिए भले ही उनपर कितने केस हों.
मध्य प्रदेश में संघ को लेकर बवाल तब शुरू हुआ जब कांग्रेस ने अपने मैनिफेस्टो में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखाओं पर प्रतिबंध लगाने का भी वादा कर दिया था. इसके बाद प्रदेश की राजनीति में सियासी पारा गर्म हो गया था. कांग्रेस के घोषणापत्र में लिखा गया है, 'शासकीय परिसरों में आरएसएस की शाखाएं लगाने पर प्रतिबंध लगाएंगे. शासकीय अधिकारी और कर्मचारियों को शाखाओं में छूट संबंधी आदेश निरस्त करेंगे.' इस वादे के बाद बीजेपी और कांग्रेस में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया था.
हालांकि इसके बाद कमलनाथ ने ही खुद इस पर सफाई दी थी और कहा था, 'ना हमारा मन है, ना मंशा है कि आरएसएस पर रोक रूकावट लगाई जाए. जो केंद्र सरकार के नियम हैं औऱ बाबूलाल गौर और उमा भारती के समय जो नियम थे उनको दोहराया है. संघ ऐसी (आतंकवादी) संस्था है मैं नहीं मानता. अगर ऐसी संस्था होती तो हम प्रतिबंध लगाने की बात करते.