कमलनाथ की सख्ती का असर, मकर संक्रांति से पहले सीएस जाएंगे उज्जैन
उज्जैन
मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन स्थित क्षिप्रा नदी में गंदगी को लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ की सख्ती का असर सामने आया है. मकर संक्रांति से पहले सूबे के सबसे बड़े प्रशासनिक मुखिया यानि चीफ सेक्रेट्री एस आर मोहंती उज्जैन का दौरा करेंगे. चीफ सेक्रेट्री के साथ जल संसाधन, नगरीय प्रशासन और पीएचई विभाग के प्रमुख सचिव भी मौजूद रहेंगे.
ये सभी अधिकारी 13 जनवरी को उज्जैन पहुंचकर क्षिप्रा नदी में साफ सफाई और मकर संक्रांति के दौरान श्रद्धालुओं के लिए की जाने वाली व्यवस्थाओं का जायजा लेंगे. बता दें कि कुछ दिन पहले ही उज्जैन में शनिचरी अमावस्या के दौरान क्षिप्रा नदी में श्रद्धालुओं के गंदे पानी से नहाने की तस्वीर सामने आई थी. इस मामले को कमलनाथ ने गंभीरता से लेते हुए उज्जैन कलेक्टर और कमिश्नर को हटा दिया था. यही वजह है कि अब मकर संक्रांति से पहले क्षिप्रा नदी की व्यवस्थाओं को लेकर अधिकारियों में हड़कंप है.
गौरतलब है कि शनिश्चरी अमावस्या पर महाकाल की नगरी उज्जैन में क्षिप्रा नदी के सूखने के मामले को सीएम कमलनाथ ने बेहद गंभीरता से लिया था. इस मामले में कमलनाथ ने कहा कि पूरे मामले की जांच हो. लापरवाही सामने आने पर दोषियों पर कार्यवाही हो.
कमलनाथ ने कहा था कि मेरी सरकार में धार्मिक आस्थाओं के साथ खिलवाड़ का कोई भी छोटा सा मामला भी में बर्दाश्त नहीं करूंगा. उन्होंने कहा कि मकर सक्रांति और भविष्य में इस तरह की परिस्थिति दोबारा निर्मित ना हो, इसको सुनिश्चित किया जाए.