कृषि, उद्यानिकी, स्वास्थ्य एवं शिक्षा सहित सभी विभागो के समन्वय से होगा समावेशी विकास: कलेक्टर

कोण्डागांव
विकासखण्ड फरसगांव के सुदूर सीमावर्ती ग्राम बड़ेओड़ागांव का चयन प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजनांतर्गत किया गया है। ज्ञात हो कि भारत सरकार सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजनांतर्गत छत्तीसगढ़ राज्य के 19 जिलों के 70 नवीन ग्रामों में उक्त योजना का क्रियान्वयन किया जायेगा। इसके तहत जिला एवं ग्राम स्तर पर समन्वयक समिति बनाई जायेंगी। जिला स्तर पर इसके अध्यक्ष जिला कलेक्टर और ग्राम स्तर पर सरपंच इसके अध्यक्ष होंगे। इस समिति में आदिम जाति कल्याण विकास, जनपद पंचायत, महिला एवं बाल विकास विभाग, शिक्षा, स्वास्थ्य, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, लोक निर्माण विभाग, सिंचाई, खाद्य विभाग, कृषि, विद्युत, दूरसंचार विभागों को दायित्व सौपे जायेंगे।

कोण्डागांव जिले में योजनांतर्गत अनुसूचित जाति बहुल गांव बड़ेओड़ागांव (जनसंख्या 1036) का जिला स्तर पर चयन करने के क्रम में जिला कलेक्टर नीलकंठ टीकाम द्वारा दिनांक 28 नवम्बर को उक्त ग्राम पंचायत का दौरा कर कार्ययोजना बनाई गई। मौके पर ग्रामीणों से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि चयनित ग्राम बड़ेओड़ागांव में इस योजना का लागू करने के तहत किए जाने वाले प्रयासों में इस बात पर जोर होगा कि समावेशी विकास के सभी पहलुओ का लाभ ज्यादा से ज्यादा लोगो तक पहुंचाया जा सके। इसमें स्थानीय कृषको के लिए बारहमासी सिंचाई सुविधा, गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाऐं, शत् प्रतिशत आंगनबाड़ी, शालाओं में उपस्थिति, स्कूली शिक्षा, कुपोषण मुक्त बचपन, पेयजल की सुलभता, दूरसंचार कनेक्टिविटी का विस्तार, कौशल विकास पर जिला प्रशासन द्वारा फोकस किया जायेगा। इस दौरान जहां कृषि विभाग द्वारा नदी तट पर बसे कृषको की भूमि में सिंचाई सुविधाओं के विस्तार हेतु कृषको का पंजीयन भी किया गया वहीं जिला कलेक्टर ने स्व-रोजगार के लिए इच्छुक युवको एवं महिलाओं के लिए स्व-सहायता समूह बनाने की सलाह दी। इसमें उन्होंने आटा-चक्की, घरेलु मसाला उद्योग, एलईडी बल्ब निर्माण जैसी विभिन्न स्व-रोजगार गतिविधियों के बारे में लोगो को जानकारी दी। चर्चा के अंत में उन्होंने सभी उपस्थित ग्रामीणों से अपने-अपने बच्चों को नियमित रुप से आंगनबाड़ी केन्द्र भेजने की अपील भी किया। ग्रामवासियों ने भी मौके पर गांव की समस्याओं से कलेक्टर को अवगत कराते हुए निराकरण की मांग की।

इस मौके पर सहायक आयुक्त आदिवासी विकास जी.एस.सोरी, उप संचालक कृषि बी.के.बिजरोनिया, कार्यपालन अभियंता आर.के.गर्ग, अरुण शर्मा, देवेन्द्र नेताम, तहसीलदार अंजय पानिग्राही सहित अन्य विभाग के अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे।