खजुराहो मंदिर देखने के लिए अब करनी होगी जेब ढीली, ASI ने लिया यह फैसला

खजुराहो मंदिर देखने के लिए अब करनी होगी जेब ढीली, ASI ने लिया यह फैसला

खजुराहो 
मध्यप्रदेश के छतरपुर में स्थित विश्व पर्यटन नगरी खजुराहो के चंदेलकालीन पश्चिमी मंदिर समूह के दर्शनों के लिए अब पर्यटकों को जेब ढीली करनी पड़ेगी. भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा इस 40 वर्षों की परिपाटी को बंद कर मंदिर के दर्शनों के लिए शुल्क लगाया गया है, जिससे यहां आने वाले दर्शनार्थियों में पुरातत्व विभाग के खिलाफ खासा आक्रोश देखा जा रहा है.

दरअसल, भारतीय पुरातत्व विभाग के अधीन पश्चिमी मंदिर समूह में इस बार वरिष्ठ संरक्षण ने निशुल्क प्रवेश की अनुमति से सफ इनकार कर दिया है. विभाग के अनुसार उनके पास ऐसा कोई आदेश नहीं है, जिससे दर्शनार्थियों के निशुल्क प्रवेश दिया जाए. मामले में पुरातत्व विभाग के अधिकारी का कहना है कि 40 वर्षों से चली आ रही यह परंपरा पुरातत्व स्थलों के लिए ठीक नहीं है, और मंदिर में प्रवेश के लिए शुल्क देना ही होगा.

मामले में राजनगर एसडीएम स्वप्निल वानखेड़े ने कड़ी आपत्ति जताते हुए पुरातत्व विभाग से इस संबंध में लिखिल में जानकारी मांगी है. इसके अलावा नगर परिषद के पार्षदों ने भी एसडीएम राजनगर को कार्रवाई के लिए पत्र सौंपा है. राजनगर विधायक विक्रम सिंह ने भी प्रशासन को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की है.

आपको बता दें कि महाशिवरात्रि के मौके पर रात 12 बजे के बाद से ही इन मंदिरों के दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है. इस दौरान शिवभक्त शिवसागर तालाब में स्नान कर मतंगेश्वर महादेव के दर्शन कर जल अर्पण करते हैं. कांग्रेस विधायक विक्रम सिंह एएसआई(आर्किलियोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया) की इस हरकत पर इसे धार्मिक आस्ता पर जजिया कर बताया है और विधानसभा में इस मुद्दे को उठाने की बात कही है.