गुरुग्रंथ साहिब जी बेअदबी मामला : SIT ने अक्षय कुमार से पूछे 6 अहम सवाल

चंडीगढ़
बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार गुरुग्रंथ साहिब जी बेअदबी मामले में बुधवार को चंडीगढ़ में एसआईटी के समक्ष पेश हुए। अक्षय पर पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल और गुरमीत राम रहीम की मुलाकात के लिए प्रबंध करने का आरोप है। हालांकि अक्षय कुमार ने इन आरोपों से इनकार किया है। अक्षय को अमृतसर में एसआईटी के समक्ष पेश होने के लिए कहा गया था, लेकिन अभिनेता ने चंडीगढ़ में पेश होने की अनुमति मांगी थी।

चंडीगढ़ में एसआईटी के समक्ष पेश हुए अक्षय से 6 अहम सवाल पूछे गए। बताया जा रहा है कि पूछताछ के दौरान अक्षय ने गुरमीत से किसी भी मुलाकात से इनकार किया। वह पहले भी इससे इनकार कर चुके हैं। उन्होंने साफ कहा कि उन्हें इस बारे में भी सोशल मीडिया से पता चला कि गुरमीत भी जुहू में ही रहता था। बहरहाल, एसआईटी अक्षय के बयानों की वीडियो रिकॉर्डिंग कर रही है। एसआईटी ने अक्षय से जो अहम सवाल किए हैं, वे इस प्रकार हैं -

1. क्या आप राम रहीम से कभी मिले?
2. आप सुखबीर बादल को कैसे जानते हैं?
3. क्या आप जानते थे कि गुरमीत जुहू में रहते थे?
4. क्या सुखबीर सिंह बादल मुंबई में आपसे मिले?
5. क्या गुरमीत ने आपसे संपर्क किया?
6. क्या आपने गुरमीत के साथ काम किया?

यह मामला वर्ष 2015 में धार्मिक बेअदबी केस से संबंधित है। उस साल पंजाब में गुरु ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी की कई घटनाएं सामने आई थीं। ऐसी पहली घटना जून में फरीदकोट जिले के बुर्ज जवाहर सिंह वाला गांव में हुई थी। इसके बाद 12 अक्टूबर को उसी जिले के बरगाड़ी गांव में गुरुग्रंथ साहिब के 110 पन्ने फटे मिले थे। इन घटनाओं के खिलाफ राज्यभर में प्रदर्शन हुए थे। कई जगह यह उग्र हो गया था। इसी दौरान मोगा जिले के बहबल कलां में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाई थी, जिसमें 2 लोगों की जान चली गई थी। फरीदकोट जिले के कोटकापुरा में भी प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाई गई थी।

बाद में पंजाब में 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जीत दर्ज की और कैप्टन अमरिंदर सिंह सत्ता में आए। मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने इस मामले की जांच के लिए एसआईटी के गठन का ऐलान किया। पंजाब विधानसभा ने मामले की जांच सीबीआई से वापस लेने और एसआईटी को मामला सौंपने से संबंधित प्रस्ताव भी सर्वसम्मति से पारित कर दिया। इस बीच, मामले में जस्टिस (रिटायर्ड) रंजीत सिंह आयोग की जांच रिपोर्ट में घटनाओं में डेरा समर्थकों का हाथ सामने आया।