ग्रामीणों ने जताई आपत्ति, पुलिस ने नाबालिगों पर दर्ज की FIR
बुलंदशहर
गोकशी मामले में दर्ज प्राथमिकी में सात नामों में से कम से कम चार नामों को लेकर ग्रामीणों ने सवाल खड़ा किया है। एक परिवार का दावा है कि इसमें उनके 11 और 12 साल के दो बच्चों के नाम भी जोड़े गए हैं। अन्य ग्रामीणों ने भी प्राथमिकी में दो लोगों के नामों पर आपत्ति जताते हुए कहा कि एक गांव में नहीं रहता और दूसरा बुलंदशहर में इज्तिमा में काम कर रहा था। वह भीड़ की हिंसा से जुड़ी एक अन्य प्राथमिकी में आरोपी हैं। बच्चे चचेरे भाई हैं। एक छठी कक्षा में पढ़ता है तो दूसरा पांचवीं में पढ़ता है। वे नयाबांस गांव में रहते हैं जो चिंगरावठी पुलिस चौकी से 3 किलोमीटर से भी कम दूर है।
पांचवीं में पढऩे वाले बच्चे के पिता ने कहा कि गोकशी के आरोप लगाने वाली प्राथमिकी से उनके नाम हटाए जाने चाहिए। उनकी उम्र तो देखिए। छठी कक्षा में पढऩे वाले बच्चे की मां ने कहा कि पुलिस मंगलवार तड़के उनके घर पहुंची और जांच शुरू कर दी। जब वे गए तो सब कुछ बिखरा हुआ था। उन्होंने कहा कि घर में घुसकर पुलिस अधिकारी बार बार दो नाम ले रहे थे और पूछ रहे थे कि उन्हें कहां छिपाकर रखा है। मैंने उन्हें बताया कि इस नाम का कोई यहां नहीं रहता और वे चले गए।
एक अन्य ग्रामीण मोहम्मद हुसैन ने आरोप लगाया कि उनका भाई सफरुद्दीन (36) का नाम भी प्राथमिकी में गलत तरह से लिया गया है। उन्होंने कहा कि सफरुद्दीन समेत नयाबांस के कई लोग बुलंदशहर में इज्तिमा के लिए गए थे। वह 29 नवंबर से वहां थे और कल ही लौटे। शहर पुलिस अधीक्षक प्रवीण रंजन सिंह ने कहा कि शिकायत में शामिल होने के आधार पर नाम दर्ज किए गए हैं। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि यह जांच-पड़ताल और सत्यापन का विषय है कि प्राथमिकी में दर्ज नाम सही हैं या गलत। बता दें कि बुलंदशहर में गोकशी के खिलाफ भीड़ के प्रदर्शन के बाद हिंसा भड़क गई थी। बजरंग दल के योगेश राज की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी।