चश्मदीद ने बताया- करीब 300 से 500 उपद्रवियों ने किया था पुलिस पर हमला : बुलंदशहर हिंसा
बुलंदशहर
उत्तर प्रदेश का बुलंदशहर सोमवार को गोकशी की आग में जल उठा। कथित गोहत्या के शक में उपजी हिंसा में पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार समेत दो लोगों की मौत हो गई। घटना के प्रत्यक्षदर्शी सब इंस्पेक्टर सुरेश कुमार ने बताया कि करीब 300 से 500 लोगों ने पूरे पुलिस बल पर धावा बोला था। सुरेश कुमार ने बताया, 'भीड़ ने सड़क जाम कर दी और पुलिस पर पत्थरबाजी करने लगे। उस समय वहां करीब 300 से 500 लोग थे। पूरी पुलिस बल पर हमला किया गया। मैं खुद भी घायल हो गया और इसके बाद मुझे नहीं पता क्या हुआ?'
सोमवार को हुई हिंसा के बारे में सुरेश कुमार ने सिलसिलेवार बताया, 'पुलिस को घटना के बारे में जानकारी मिली और घटनास्थल पर पहुंचे। घटनास्थल पर पहुंचने के बाद हमने मवेशियों के टुकड़े देखे और लोगों को आश्वासन दिया कि इसे पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा जाएगा। वहां काफी उथल-पुथल का माहौल था, हमारे अधिकारी लोगों का बयान ले रहे थे लेकिन वे सभी कुछ और ही कह रहे थे। हमने उन्हें समझाने की बहुत कोशिश की लेकिन फेल रहे।'
'बड़े भाई और अच्छे इंसान थे सुबोध कुमार'
उन्होंने आगे बताया कि हमले में मारे गए इंस्पेक्टर सुबोध कुमार उनके बड़े भाई जैसे थे और एक अच्छे इंसान थे। सोमवार को हिंसा में मारे गए सुबोध कुमार दादरी के अखलाक मामले में भी इंवेस्टिगेशन अधिकारी थे। पुलिस ने बताया कि आसपास के इलाके में मवेशियों के मांस के टुकड़े मिलने से हिंसा उपजी। हिंसा के दौरान जवाबी फायरिंग में एक स्थानीय युवक सुमित की भी मौत हो गई।
इंस्पेक्टर को उल्टा लटकाकर पीटा और गोली मार दी
ए़डीजी कानून-व्यवस्था आनंद कुमार ने बताया कि स्याना के महाव गांव के खेतों में रविवार रात 25-30 मवेशी काट दिए गए थे। करीब 400 लोग मवेशियों के टुकड़े ट्रैक्टर में लेकर चिंगरावटी चौकी पहुंचे और सड़क जाम कर दी। बातचीत से मामला न सुलझने पर पुलिस ने जबरन जाम खुलवाने की कोशिश की। इस पर भीड़ ने पथराव कर दिया, जिसमें इंस्पेक्टर सुबोध घायल हो गए।
डीएम ने किया अलग दावा
आरोप है कि इस दौरान उनके हमराह और ड्राइवर भाग गए। सुबोध को कुछ लोगों ने उनकी ही जीप में लादा और खेतों की ओर ले गए। वहां उन्हें उल्टा लटकाकर पीटा और गोली मार दी। उनकी जीप भी जला दी।
वहीं, डीएम अनुज झा का दावा है कि सिर पर पत्थर लगने के कारण सुबोध खेत में गिर गए थे। उनके हमराह और ड्राइवर जीप खेतों में ले गए और उन्हें उठाने की कोशिश करने लगे, लेकिन इस दौरान भीड़ ने फिर हमला कर दिया।