चार्ज संभालते ही मुख्य सचिव मोहन्ती बोले- किसानों की कर्जमाफी बड़ी चुनौती

चार्ज संभालते ही मुख्य सचिव मोहन्ती बोले- किसानों की कर्जमाफी बड़ी चुनौती

भोपाल

चार्ज संभालते ही  मध्यप्रदेश के नए मुख्य सचिव भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के वरिष्ठ अधिकारी एसआर मोहंती ने बड़ा बयान दिया है। मोहन्ती ने कहा है कि कांग्रेस का वचन पत्र के वचन पूरा करना प्राथमिकता रहेगी। वही उन्होंने साफ किया कि किसानों की कर्जमाफी भी बड़ी चुनौती रहेगी।

प्रदेश के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी एसआर मोहंती ने मंगलवार को प्रदेश के 31 वे मुख्य सचिव के पद पर कार्यभार ग्रहण कर लिया। कार्यभार संभालने के बाद उन्होंने कहा कि कलेक्टर, कमिश्नर और विभागाध्यक्षों को अब पावरफुल बनाया जाएगा। उनके स्तर पर होंने वाले निर्णयों के लिए उन्हें अब सरकार की ओर नहीं देखना पड़ेगा। वे खुद अपने विभाग और जिले से जुड़े निर्णय लेंगे। वहीं भ्रष्टाचार में लिप्त और रिश्वत लेकर काम करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ भी उनकी सरकार कड़ी कार्यवाही करेगी।

कार्यभार संभालने के बाद प्रदेशटुडे से चर्चा करते हुए मोहंती ने कहा कि गर्वनेंस में बेसिक स्टेटस लाने की वे कोशिश करेंगे। जिले और विभाग में सदभावना से अधिकारी कोई निर्णय लेते है तो उन्हें प्रोटेक्ट किया जाएगा लेकिन जनता परेशान ना हो यह अफसरों को सुनिश्चित करना होगा। मुख्यमंत्री ने पहले दिन ही कहा है कि वचनपत्र के हर बिंदू पर काम करना होगा उसे वे जुट कर पूरा करेंगे।  

विभाग कैसे काम कर रहे है इसकी मानीटरिंग की जाएगी। हर विभग के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव मंत्रियों के मार्गदर्शन में मुख्यमंत्री के इनीशिएटिव पर काम करेंगे।जिले में कलेक्टर-एसपी और संभाग में कमिश्नर तथा विभाग में विभागाध्यक्ष को सरकार की प्राथमिकताएं, योजनाएं, नीतियां, अपने दायित्व और अधिकार पता है। कलेक्टर और एसपी को जिलों में सावधानीपूर्वक चयन कर इसी उद्देश्य से भेजा जाता है कि वे जनता की आवश्यकताओं को अपने स्तर पर पूरा कर सकेंगे। 

आमजन की छोटी-छोटी जरुरतों, पटवारी, राजस्व न्यायालय, जिला प्रशासन स्तर के कामों, पुलिस से जुड़ी छोटी समस्याएं वहीं पर निपटे। आम लोगों को अपनी समस्याओं के लिए अफसरों से मिलने की जरुरत ना पड़े, कोई अनैतिक रास्ता उन्हें नहीं अपनाना पड़े  ऐसी पारदर्शी व्यवस्था कलेक्टरो को बनाना होगा। संभाग स्तर पर कमिश्नर और डीआईजी पावरफुल होंगे। जिले के अफसर उनसे सलाह ले सकेंगे।

उन्होंने कहा कि केवल नीतिगत डायरेक्शन लेने के लिए राज्य स्तर पर संपर्क करे बाकी निर्णय अपने स्तर पर मंत्रियों मार्गदर्शन में करने के लिए अधिकारी स्वतंत्र है।  उन्होंने कहा कि किसानों के कर्जमाफी उनकी भी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि वचनपत्र के वादों को पूरा करने के लिए फंड उपलब्ध  है और राजस्व उपलब्ध कराने के लिए वे सभी संभव प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के दौर में जानकारियां तेजी से पहुंचाना संभव हो गया है। अधिकारी इसका उपयोग कर कामों में तेजी लाए।