चुनाव ड्यूटी राष्ट्रीय सेवा, इनकार नहीं कर सकते सरकारी कर्मचारी: हाईकोर्ट

जबलपुर
विधानसभा चुनाव 2018 में अपनी ड्यूटी निरस्त करने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में दायर की गई 14 प्रोफेसरों की याचिका को खारिज कर दिया गया है. याचिकाओं को खारिज करते हुए हाईकोर्ट ने टिप्पणी की है कि चुनाव ड्यूटी राष्ट्रीय सेवा है और शासकीय कर्मी चुनाव ड्यूटी से इनकार नहीं कर सकता है।हाईकोर्ट में 14 प्रोफेसरों ने याचिका लगाई थी कि वे प्रथम श्रेणी अधिकारी है और उनके चुनाव के ड्यूटी उनके अंतर्गत लगाए जा रहे है, जो उनकी श्रेणी से नीचे है. प्रोफेसर सुनील बाजपेई समेत 14 प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफ़ेसर की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि विधानसभा चुनाव में उनकी ड्यूटी स्टैटिक सर्विलांस टीम और फ्लाइंग स्कॉट में लगाई गई है. साथ ही उन्हें उन अधिकारियों के अधीन काम करना है, जो ना केवल पद में बल्कि वेतनमान में भी उनसे जूनियर हैं. इसके साथ ही याचिका में प्रोफेसरों के स्वास्थ्य का भी हवाला दिया गया था।वहीं निर्वाचन आयोग की ओर से कहा गया है कि याचिकाकर्ताओं की ड्यूटी उनके पदों के अनुसार ही लगाई गई है. उन्हें किसी के अधीन काम नही करना है, बल्कि सीधे जिला निर्वाचन अधिकारी को रिपोर्ट करनी है. हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद प्रोफेसरों की याचिकाओं को निरस्त कर दिया है. साथ ही आदेश दिए हैं कि जिस भी प्रोफेसर का स्वास्थ्य ठीक नहीं है वे अपनी मेडिकल रिपोर्ट के साथ राज्य चुनाव आयोग के सामने आवेदन कर सकते हैं. वहीं हाईकोर्ट ने आदेश दिया है की प्रोफेसर भी चुनाव में ड्यूटी करेंगे।