छोटी उम्र की लड़कियों को भी सिस्ट की समस्या
नई दिल्ली
आमतौर पर टीनएजर्स हेल्दी होते हैं। उनकी उम्र में बीमारियां होने की संभावना कम होती है। फिर भी कभी-कभी हॉर्मोनल बदलाव की वजह से कुछ बीमारियां होने का खतरा रहता है। लड़कों में जहां मोटापा, स्ट्रेस और चिड़चिड़ापन होना आम बात है, वहीं, लड़कियों में हॉर्मोनल चेंजेस की वजह से इंफेक्शन का खतरा ज्यादा रहता है। आजकल स्कूल जाने वाली लड़कियों में भी PCOD यानी पॉली सिस्टिक ओवरी डिसऑर्डर या पॉली सिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) देखा जा रहा है।
ओवरी में बनने लगता है सिस्ट
गॉडियम विमन हॉस्पिटल के डॉ दीपक गौतम का कहना है कि पीसीओडी या पीसीओएस आजकल लड़कियों में होना आम बात है। इसमें महिला के गर्भाशय में हॉर्मोन का स्तर बढ़ जाता है, जिससे ओवरी में सिस्ट बनने लगते हैं। यह समस्या महिलाओं में हॉर्मोनल असंतुलन, मोटापा या तनाव के कारण हो सकती है। साथ ही यह जेनेटिकली भी होती है। शरीर में अधिक चर्बी होने की वजह से ऐस्ट्रोजन हॉर्मोन की मात्रा बढ़ने लगती है, जिससे ओवरी में सिस्ट बनता है।
पीरियड्स के दौरान अधिक ब्लीडिंग
एशियन हॉस्पिटल की डॉ अनिता कांत का कहना है कि पीसीओएस के अलावा यूट्राइन ब्लीडिंग के मामले भी देखे जा रहे हैं। आजकल कुछ लड़कियों में दूसरे की तुलना में पीरियड के समय ज्यादा ब्लीडिंग होती है और ज्यादा दिन तक होती है। बहुत ज्यादा ब्लीडिंग की वजह से कुछ लड़कियों में अनीमिया का रिस्क हो जाता है। ऐसी स्थिति में डॉक्टरी मदद की जरूरत पड़ती है। डॉक्टर का कहना है कि लाइफस्टाइल की वजह से भी आजकल की लड़कियों को कई प्रकार की दिक्कतें होती हैं, जिनमें मोटापा, नींद कम होना, स्ट्रेस शामिल है।
इन बीमारियों से बचने के लिए क्या करें
- संतुलित जीवनशैली अपनाएं
- सोने का समय निर्धारित करें, देर रात तक न जगें
- सुबह जल्दी उठें
- एक्सर्साइज करें
- जंक फूड से बचें
- स्मोकिंग और ऐल्कॉहॉल से दूर रहें
- घर का खाना ही खाएं
- साफ सफाई पर ध्यान दें